क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-815
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-815
وَنُفِخَ فِي الصُّورِ فَإِذَا هُمْ مِنَ الْأَجْدَاثِ إِلَى رَبِّهِمْ يَنْسِلُونَ (51) قَالُوا يَا وَيْلَنَا مَنْ بَعَثَنَا مِنْ مَرْقَدِنَا هَذَا مَا وَعَدَ الرَّحْمَنُ وَصَدَقَ الْمُرْسَلُونَ (52) إِنْ كَانَتْ إِلَّا صَيْحَةً وَاحِدَةً فَإِذَا هُمْ جَمِيعٌ لَدَيْنَا مُحْضَرُونَ (53)
और फिर सूर में फूँका जाएगा। फिर ये अचानक ही अपने पालनहार के सामने पेश होने के लिए अपनी क़ब्रों से निकल पड़ेंगे। (36:51) ये (घबरा कर) कहेंगेः अरे! यह किसने हमें शयनकक्ष से उठा कर खड़ा कर दिया? यह वही चीज़ है जिसका दयावान (ईश्वर) ने वादा किया था और पैग़म्बरों की बात सच्ची थी। (36:52) बस एक ज़ोर की चिंघाड़ होगी और ये सबके-सब हमारे सामने उपस्थित कर दिए जाएंगे। (36:53)
فَالْيَوْمَ لَا تُظْلَمُ نَفْسٌ شَيْئًا وَلَا تُجْزَوْنَ إِلَّا مَا كُنْتُمْ تَعْمَلُونَ (54) إِنَّ أَصْحَابَ الْجَنَّةِ الْيَوْمَ فِي شُغُلٍ فَاكِهُونَ (55) هُمْ وَأَزْوَاجُهُمْ فِي ظِلَالٍ عَلَى الْأَرَائِكِ مُتَّكِئُونَ (56) لَهُمْ فِيهَا فَاكِهَةٌ وَلَهُمْ مَا يَدَّعُونَ (57) سَلَامٌ قَوْلًا مِنْ رَبٍّ رَحِيمٍ (58)
तो आज किसी पर कण भर भी अत्याचार नहीं होगा और तुम्हें वैसा ही बदला दिया जाएगा जैसे तुम कर्म करते रहे थे। (36:54) निश्चय ही आज स्वर्ग वाले किसी न किसी आनन्द में व्यस्त हैं। (36:55) वे और उनकी पत्नियां घनी छायाओं में तख़्तों पर टेक लगाए हुए हैं। (36:56) वहाँ उनके लिए फल हैं और वह सब कुछ है, जो वे चाहें। (36:57) (उनको) दयावान पालनहार की ओर से सलाम कहा गया है। (36:58)