क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-816
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-816
وَامْتَازُوا الْيَوْمَ أَيُّهَا الْمُجْرِمُونَ (59)
और हे अपराधियो! आज तुम छँट कर (भले कर्म करने वालों से) अलग हो जाओगे (36:59)
أَلَمْ أَعْهَدْ إِلَيْكُمْ يَا بَنِي آَدَمَ أَنْ لَا تَعْبُدُوا الشَّيْطَانَ إِنَّهُ لَكُمْ عَدُوٌّ مُبِينٌ (60) وَأَنِ اعْبُدُونِي هَذَا صِرَاطٌ مُسْتَقِيمٌ (61) وَلَقَدْ أَضَلَّ مِنْكُمْ جِبِلًّا كَثِيرًا أَفَلَمْ تَكُونُوا تَعْقِلُونَ (62)
हे आदम की संतान! क्या मैंने तुमसे वादा नहीं लिया था कि शैतान की उपासना न करोगे कि निश्चय ही वह तुम्हारा खुला हुआ शत्रु है। (36:60) और यह कि मेरी ही उपासना करोगे कि यही सीधा मार्ग है? (36:61) मगर इसके बावजूद उसने तुममें से बहुत से गुटों को पथभ्रष्ट कर दिया। तो क्या तुम बुद्धि नहीं रखते थे? (36:62)
هَذِهِ جَهَنَّمُ الَّتِي كُنْتُمْ تُوعَدُونَ (63) اصْلَوْهَا الْيَوْمَ بِمَا كُنْتُمْ تَكْفُرُونَ (64) الْيَوْمَ نَخْتِمُ عَلَى أَفْوَاهِهِمْ وَتُكَلِّمُنَا أَيْدِيهِمْ وَتَشْهَدُ أَرْجُلُهُمْ بِمَا كَانُوا يَكْسِبُونَ (65)
यह वही नरक है जिसका तुमसे वादा किया जाता रहा है। (36:63) जो कुफ़्र तुम (दुनिया में) करते रहे हो, उसके बदले में आज इसमें प्रविष्ट हो जाओ (और जलते रहो)। (36:64) आज हम इनके मुँह पर मुहर लगा देते हैं, इनके हाथ हमसे बोलेंगे और इनके पाँव गवाही देंगे कि ये दुनिया में क्या कमाई करते रहे हैं। (36:65)