क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-819
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-819
أَوَلَمْ يَرَ الْإِنْسَانُ أَنَّا خَلَقْنَاهُ مِنْ نُطْفَةٍ فَإِذَا هُوَ خَصِيمٌ مُبِينٌ (77) وَضَرَبَ لَنَا مَثَلًا وَنَسِيَ خَلْقَهُ قَالَ مَنْ يُحْيِي الْعِظَامَ وَهِيَ رَمِيمٌ (78) قُلْ يُحْيِيهَا الَّذِي أَنْشَأَهَا أَوَّلَ مَرَّةٍ وَهُوَ بِكُلِّ خَلْقٍ عَلِيمٌ (79)
क्या इंसान देखता नहीं कि हमने उसे एक तुच्छ पानी से पैदा किया? फिर वह खुला झगड़ालू बन गया (36:77) और अब वह (मज़ाक़ उड़ाते हुए) हमारे लिए उपमाएं देता है और अपनी सृष्टि को भूल जाता है। वह कहता हैः "कौन इन हड्डियों में जान डालेगा जबकि ये जीर्ण-शीर्ण हो चुकी हों?" (36:78) इससे कह दीजिएः "इनमें वही जान डालेगा जिसने इनको पहली बार पैदा किया था और वह प्रत्येक रचना से अच्छी तरह अवगत है। (36:79)
الَّذِي جَعَلَ لَكُمْ مِنَ الشَّجَرِ الْأَخْضَرِ نَارًا فَإِذَا أَنْتُمْ مِنْهُ تُوقِدُونَ (80)
वही है जिसने तुम्हारे लिए हरे पेड़ से आग पैदा कर दी। तो तुम लोग (जब चाहो) उससे आग जलाते हो। (36:80)