क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-748
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-748
وَيَوْمَ تَقُومُ السَّاعَةُ يُقْسِمُ الْمُجْرِمُونَ مَا لَبِثُوا غَيْرَ سَاعَةٍ كَذَلِكَ كَانُوا يُؤْفَكُونَ (55
और जिस दिन प्रलय आएगा, अपराधी क़सम खाएँगे कि वे घड़ी भर से अधिक नहीं ठहरे हैं, वे (संसार में भी) इसी प्रकार (सत्य की ओर से) मुंह मोड़ लेते थे। (30:55)
وَقَالَ الَّذِينَ أُوتُوا الْعِلْمَ وَالْإِيمَانَ لَقَدْ لَبِثْتُمْ فِي كِتَابِ اللَّهِ إِلَى يَوْمِ الْبَعْثِ فَهَذَا يَوْمُ الْبَعْثِ وَلَكِنَّكُمْ كُنْتُمْ لَا تَعْلَمُونَ (56)
और जिन लोगों को ज्ञान व ईमान प्रदान किया गया है, वे कहते हैं, निश्चित रूप से ईश्वर की किताब में (जो कुछ है उसके अनुसार तो) तुम प्रलय के दिन ठहरे रहे हो। तो यही जीवित करके उठाए जाने का दिन है किन्तु तुम जानते नहीं थे। (30:56)
فَيَوْمَئِذٍ لَا يَنْفَعُ الَّذِينَ ظَلَمُوا مَعْذِرَتُهُمْ وَلَا هُمْ يُسْتَعْتَبُونَ (57)
तो उस दिन अत्याचार करने वालों के लिए उनकी कोई क्षमा याचना काम न आएगी और न ही उनसे यह चाहा जाएगा कि वे क्षमा याचना (व तौबा) करें। (30:57)
وَلَقَدْ ضَرَبْنَا لِلنَّاسِ فِي هَذَا الْقُرْآَنِ مِنْ كُلِّ مَثَلٍ وَلَئِنْ جِئْتَهُمْ بِآَيَةٍ لَيَقُولَنَّ الَّذِينَ كَفَرُوا إِنْ أَنْتُمْ إِلَّا مُبْطِلُونَ (58)
और निश्चय ही हमने इस क़ुरआन में लोगों के लिए हर (प्रकार का) उदाहरण पेश कर दिया है। और यदि आप उनके लिए कोई निशानी या चमत्कार ले आएं तब भी काफ़िर यही कहेंगे कि तुम लोग तो बस असत्य वाले हो। (30:58)
كَذَلِكَ يَطْبَعُ اللَّهُ عَلَى قُلُوبِ الَّذِينَ لَا يَعْلَمُونَ (59)
इस प्रकार ईश्वर उन लोगों के दिलों पर ठप्पा लगा देता है जो अज्ञानी हैं। (30:59)
فَاصْبِرْ إِنَّ وَعْدَ اللَّهِ حَقٌّ وَلَا يَسْتَخِفَّنَّكَ الَّذِينَ لَا يُوقِنُونَ (60)
अतः धैर्य से काम लीजिए कि निश्चय ही (आपकी सहायता के बारे में) ईश्वर का वादा सच्चा है और जिन्हें (ईश्वर व प्रलय पर) विश्वास नहीं वे कदापि आपको अधीरता पर न बाध्य न करने पाएँ। (30:60)