Feb १७, २०२० १५:१३ Asia/Kolkata
  •  विज्ञान की डगर, ईरान का सफ़रः धावकों के फ़िटनेस टेस्ट के लिए स्मार्ट क्रोनोमीटर, फ़ूलादीनिया के घर का जादुई आयफ़ोन

ईरानी वैज्ञानिकों की टीम ने धावकों के फ़िटनेस टेस्ट के लिए स्मार्ट क्रोनोमीटर बनाया है। इस क्रोनोमीटर को चलाने में इंसान का कोई रोल नहीं है जिससे धावकों के रेकॉर्ड को रजिस्टर करने में ग़लती की संभावना ख़त्म हो गयी है।

इस प्रोजेक्ट में शामिल लैला हम्ज़ा ने इस अध्ययन का उद्देश्य ऐसी इलेक्ट्रॉनिक मशीन बनाना बताया जो धावकों की फ़िटनेस टेस्ट को रेकार्ड कर सके। वह कहती हैः इस शोध प्रोजेक्ट में ऐसी मशीन बनाने पर काम हुआ जो जाकर वापस आने वाली रेस और सेलेक्शन टेस्ट में धावकों की फिटनेस और स्प्रिंटिंग रेस का रेकार्ड बिना इंसान के रोल के रेकार्ड कर सके। वह कहती हैं कि यह मशीन जिसका नाम स्मार्ट क्रोनोमीटर है, धावक के जाने और लौटने में दौड़ने की रफ़्तार और समय, दौड़ने की अवसत रफ़्तार और धावक के लिए गए टेस्ट की तादाद को एलसीडी के ज़रिए ऑप्रेटर की मशीन पर दिखाती है।

स्मार्ट क्रोनोमीटर

 

अब आपको किरमानशाह टेक्नॉलोजी यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में एमटेक के छात्र फ़रहाद फ़ूलादीनिया ने घर के आयफ़ोन में जीएसएम प्रौद्योगिकी के ज़रिए नई डिज़ाइन का आविष्कार किया। फ़रहाद फ़ूलादीनिया के मुताबिक़, इस नई डिज़ाइन से ऑप्रेटर का अपने घर से हमेशा संपर्क बना रहता है। ऑप्रेटर आयफ़ोन में लगाए गए सिम को संदेश भेज कर दरवाज़ा खोल सकता है। इस सिस्टम में यह भी सुविधा है कि घर की घंटी बजते वक़्त ऑप्रेटर व्यक्ति की बात के ज़रिए पहचान कर और अगर दरवाज़ा खोलना चाहे तो पासवर्ड पर आधारित संदेश भेज कर दरवाज़ा खोल सकता है। इसके साथ ही इस सिस्टम की एक बड़ी विशेषता इसमें उच्चस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था का होना है। इस सिस्टम के ज़रिए दरवाज़ा उस वक़्त खुलता है जब घर के आयफ़ोन में लगे हुए सिम को, सिस्टम में मौजूद नंबर के ज़रिए पासवर्ड पर आधारित संदेश मिले। 

      

अब आपको ईरानी पक्षियों की जानकारी पर आधारित साफ़्टवेयर के बारे में बताते हैं, जिसे मशहद यूनिवर्सिटी के पर्यावरण विद्यालय के छात्रों ने बनाया है जो मोबाइल एन्ड्राइड ऑप्रेटिंग सिस्टम पर चलता है। इस साफ़्टवेयर का नाम हुमा है। हुमा साफ़्टवेयर बनाने वाली टीम के प्रोजेक्ट मैनेजर मोहम्मद अली रिज़वानी कहते हैः ईरान में पहली बार पक्षियों के बारे में साफ़्टवेयर फ़िरदोसी यूनिवर्सिटी के पर्यावरण व प्राकृतिक संसाधन विद्यालय के छात्रों ने बनाया है। इसका डेटाबेस पक्षियों के बिखराव के मानचित्र, उनकी चहचहाहट, घोंसले के आकार, उनके बच्चे और अंडे के आधार पर तय्यार किया गया है।

मोहम्मद अली रिज़वानी आगे कहते हैः साफ़्टवेयर का दूसरा भाग अनुपम है। इसके दो उपभाग हैं। एक आम लोगों के लिए और दूसरा पक्षियों के विशेषज्ञों के लिए है। वह कहते हैः इस साफ़्टवेयर के ज़रिए जंगल में स्टेप बाई स्टेप सर्च करते हैं और सभी लोग इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। यह साफ़्टवेयर इस्तेमाल के समय कुछ जानकारी को फ़िल्टर करता है और पक्षी की पहचान करता है। मोहम्मद अली रिज़वानी कहते हैः मिसाल के तौर पर जब सर्च करने वाला व्यक्ति किसी पक्षी को उसके विशेष निवास स्थान पर देखता है तो उसकी जानकारी साफ़्टवेयर में इंटर करता है, अगले चरण में पक्षी के आकार को इस साफ़्टवेयर में पहले से मौजूद पक्षी की प्रजाति की सूचि के मुताबिक़, इंटर करे तो अमुक पक्षी के बारे में पता चल जाएगा।            

जंगल व मरुस्थल में परिंदों के बारे में जानकारी देने वाला साफ़्टवेयर

वार्विक यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक ने ऐसी इलेक्ट्रॉनिक मशीन बनायी है कि मस्तिष्क की तरंग के ज़रिए उसे नियंत्रित कर सकते हैं। हेडसेट में मौजूद सेंसर मस्तिष्क की इलेक्ट्रिकल तरंगों को कैच कर लेते हैं। उसके बाद कंप्यूटर इन तरंगों को प्रॉसेस करके खिलौने के सर्किट को भेजता है। इस तरह व्यक्ति खिलौने को नियंत्रित कर सकता है।

यह शोध प्रोफ़ेसर क्रिस्टोफ़र जेम्ज़ की अगुवाई में अंजाम पाया जिससे पता चलता है कि रिमोट कंट्रोल वाली कार और हेलीकॉप्टर तथा छोटे रोबोटे जैसे बच्चों के लोकप्रिय खिलौनों को एक हेडसेट के ज़रिए मस्तिष्क की तरंगों से नियंत्रित किया जा सकता है।

दिमाग़ के ज़रिए खिलौने को नियंत्रित करना

कॉन्टिनेन्टल कंपनी कुछ बायोमेट्रिक औज़ार के ज़रिए कार को अधिक स्मार्ट बनाने के साथ साथ उसकी सुरक्षा भी बढ़ाना चाहती है। इस कंपनी ने कार का इंजन स्टार्ट करने के लिए ऐसा बटन बनाया है जो फ़िन्गर प्रिन्ट से ऑन होता है। व्यक्ति बिना चाभी के कार में बैठे और सिर्फ़ अंगुली से स्टार्ट के बटन पर दबाए तो कार स्टार्ट हो जाती है। इस तरह न सिर्फ़ कार चुराना अधिक कठिन हो जाएगा बल्कि परिवार के बच्चे और नौजवान बिना इजाज़त कार नहीं चला सकेंगे।

कार के भीतर चेहरे की पहचान करने वाला कैमरा लगता है। इस कैमरे के ज़रिए वीवर और सीट को सेट करना, अंदर का तापमान नियंत्रित करना यहां तक कि कार में बैठते ही पसंद का रेडियो चैनल सेट हो जाता है।

उंगली से बटन दबाएं और गाड़ी स्टार्ट

अमरीका के दो इंजीनियरों ने एयरपोर्ट के यात्रियों के लिए विशेष वैन का आविष्कार किया है जो यात्री के लगेज को नापती है और उनके पासपोर्ट का स्कैन करती है। ख़ुद से चलने वाली इस वैन का नाम नेक्सस है। यह मुसाफ़िर के लगेज का वज़्न और उसकी जांच कर सकती है। उसके बाद एयरपोर्ट पहुंचने से पहले लगेज को एक्सरे और केमिकल एनालिसिज़ के ज़रिए चेक रकती है। इस मिनिवन में चार लोगों के बैठने की जगह है। मुसाफ़िर को सवार होने से पहले मेटल डिटेक्टर से गुज़रना होता है। हर सीट पर लगी मशीन उसके पासपोर्ट का स्कैन करती है। यह वैन हर मुसाफ़िर की तस्वीर खैंचती है और पूरे बदन का स्कैल करती है। उसके बाद मुसाफ़िर को पूर्व निर्धारित सेफ़ ज़ोन में उतार देती है। जहां से मुसाफिर बिना किसी रुकावट के सवार हो सकता है।

स्मार्ट वैन

 

 तिब्बे इस्लामी में गुर्दे की पथरी का इलाज

 गुर्दे में पथरी बनने की समस्या और डायलिसिज़ से बचने के बारे में उस्ताद अब्बास तबरीज़ियान के विचार पेश हैं इस्लामी तिब की नज़र से।

किडनी या गुर्दा अगर काम करना बंद कर देती है और इंसान डायलिसिज़ कराने पर मजबूर हो जाता है तो बहुत मुश्किलों का सामना होता है। अगर कोई मरीज़ इस समस्या से पीड़ित है तो उसके लिए आसान व बेहतरीन इलाज यह है कि अख़रोट और अजवाइन का खाना शुरु करे। अजवाइन को आम लोग जानते हैं। यह ज़ीरे की तरह होती है बल्कि उससे भी बारीक होती है और दुकानों पर आसानी से मिल जाती है। हर रोज़ रात को दो तीन चमचा अजवाइन खाए और साथ में अख़रोट खाए। कुछ दिनों ऐसा करते रहें, तो बेकार हो चुकी किडनी धीरे धीरे काम करना शुरु कर देगी। किडनी निकलवाने की ज़रूरत नहीं है। अख़रोट का गूदा और अजवाइन रोज़ाना रात के वक़्त दो तीन चमचा खाएं और इसका फ़ायदा देखें।

गुर्दे में पथरी बन जाती है और इंसान दर्द से बहुत परेशान होता है। इसके इलाज के लिए एक दवा है जिसका नाम है दारूए जामेए इमाम रज़ा। यह दवा चमत्कार करती है। इस दवा से बहुत सी बीमारियों का इलाज होता है। इस दवा से बहुत से असाध्य रोगों का भी इलाज होता है।

अब दवा के बारे में आपको बता दें। पानी में आप तुरुब को पकाएं। तुरुब शलग़म से मिलती जुलती एक प्रकार की मूली है। यह सफ़ेद और लाल रंग की होती है। इसे पानी में पकाइये। फिर उस पानी को छान लीजिए। फिर छने हुए पानी को पीजिए। यह पानी चमत्कार करेगा। इस पानी से गुर्दे की पथरी गल जाती है। यानी यह पानी निकालता नहीं है कि पथरी के निकलते वक़्त दर्द हो बल्कि पथरी को ही गला देता है और बहुत आराम से गुर्दे की पथरी निकल जाती है। गुर्दे की पथरी कितनी ही बड़ी क्यों न हो। कभी कभी पथरी इतनी बड़ी होती है कि डाक्टर कहते हैं कि आप्रेशन के इलावा कोई इलाज नहीं है। ऐसी पथरी को भी यह पानी गला कर निकाल देता है। तो डरने और घबराने की ज़रूरत नहीं है। इस इलाज को अपनाइये और इसका फ़ायदा उठाइये।

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