जब तीन दिन में पिछड़े इलाक़े की क़िस्मत बदल गयी, ईरानियों ने तीन दिन में सारे रिकार्ड तोड़ दिए+ फ़ोटोज़+ वीडियो
दुनियाभर में मोबाइल हास्पिटल 6 से 7 दिन में तैयार होते हैं जबकि ईरानी विशेषज्ञों ने तीन दिन के अंदर आधुनिक उपकरणों से लैस मोबाइल अपस्ताल बनाकर रिकार्ड बना दिया।
इस मोबाइल हास्पिटल का नाम एहसान है और ईरान के इन्जीनियरों और डाक्टरों ने तीन दिन की अथक मेहनत से यह मोबाइल हास्पिटल बना दिया।
अमरीकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे ईरान में जब कोरोना फैला तो दुनिया वाले यह सोच रहे थे कि ईरान कोरोना के सामने घुटने टेक देगा और दुनिया के अन्य देशों की तरह ईरान में भी कोरोना से भारी तबाही होगी, जैसे जैसे कोरोना की अवधि बढ़ती गयी, उनकी यह बात सही साबित होने लगी लेकिन जैसे ईरान के अन्य विभागों ने हार नहीं मानी वैसे ही ईरान के चिकित्सा विभाग ने भी इस लड़ाई के लिए कमर कस ली।
ईरान के चिकित्सा विभाग की मदद के लिए एक युवा वर्ग आगे बढ़ा और उसने स्वेच्छा से कोरोना को मात देने के लिए सेवाएं शुरु कर दीं। इन्हीं जवानों की बदौलत आज ईरान में कोरोना अंतिम सांसें ले रहा है और देश का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से आत्म निर्भर हो चुका है।
मास्क के उत्पादन से लेकर सेनेटाइज़र और कोरोना वैक्सीन के उत्पादन का चरण जवानों ने बड़ी आसानी से तय कर लिया। ईरानी जवानों ने यह सिद्ध कर दिया कि अब "नहीं कर सकते" या "नहीं हो सकता" का ज़माना गुज़र चुका है और तीन दिन में सारे आधुनिक उपकरणों से लैस मोबाइल हास्पिटल बनाकर ईरानी विशेषज्ञों ने दुनिया में एक मिसाल पेश कर दी है। (AK)
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