क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-765
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-765
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آَمَنُوا اذْكُرُوا نِعْمَةَ اللَّهِ عَلَيْكُمْ إِذْ جَاءَتْكُمْ جُنُودٌ فَأَرْسَلْنَا عَلَيْهِمْ رِيحًا وَجُنُودًا لَمْ تَرَوْهَا وَكَانَ اللَّهُ بِمَا تَعْمَلُونَ بَصِيرًا (9)
हे ईमान वालो! स्वयं पर ईश्वर की उस अनुकंपा को याद करो जब सेनाएँ तुम पर चढ़ आईं तो हमने उन पर एक (कड़ी) हवा और ऐसी सेनाएँ भेज दीं जिन्हें तुमने देखा नहीं। और ईश्वर वह सब कुछ देखने वाला है जो तुम करते (रहते) हो। (33:9)
إِذْ جَاءُوكُمْ مِنْ فَوْقِكُمْ وَمِنْ أَسْفَلَ مِنْكُمْ وَإِذْ زَاغَتِ الْأَبْصَارُ وَبَلَغَتِ الْقُلُوبُ الْحَنَاجِرَ وَتَظُنُّونَ بِاللَّهِ الظُّنُونَا (10) هُنَالِكَ ابْتُلِيَ الْمُؤْمِنُونَ وَزُلْزِلُوا زِلْزَالًا شَدِيدًا (11)
(और याद करो उस समय को) जब शत्रु तुम्हारे (नगर की) ऊपर की ओर से और नीचे की ओर से भी तुम पर चढ़ आए, और जब (भय के चलते तुम्हारी) आंखें पथरा गईं और कलेजे मुंह को आ गए। और तुम ईश्वर के बारे में (बुरी-बुरी) सोचों में ग्रस्त हो गए थे। (33:10) उसी समय ईमान वालों की परीक्षा ली गई और वे बुरी तरह हिला कर रख दिए गए। (33:11)
وَإِذْ يَقُولُ الْمُنَافِقُونَ وَالَّذِينَ فِي قُلُوبِهِمْ مَرَضٌ مَا وَعَدَنَا اللَّهُ وَرَسُولُهُ إِلَّا غُرُورًا (12)
और जब मिथ्याचारियों और उन लोगों ने, जिनके दिलों में रोग है, कहा कि ईश्वर और उसके पैग़म्बर ने हमसे जो वादा किया था, वह तो केवल धोखा था। (33:12)