क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-770
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-770
يَا نِسَاءَ النَّبِيِّ لَسْتُنَّ كَأَحَدٍ مِنَ النِّسَاءِ إِنِ اتَّقَيْتُنَّ فَلَا تَخْضَعْنَ بِالْقَوْلِ فَيَطْمَعَ الَّذِي فِي قَلْبِهِ مَرَضٌ وَقُلْنَ قَوْلًا مَعْرُوفًا (32)
हे पैग़म्बर की पत्नियो! अगर तुम ईश्वर से डरो तो तुम सामान्य महिलाओं में से किसी की तरह नहीं हो। तो इठला कर बात न करो कि कहीं वह व्यक्ति जिसके दिल में रोग है, लालच में पड़ जाए और तुम ठोस ढंग से बात किया करो। (33:32)
وَقَرْنَ فِي بُيُوتِكُنَّ وَلَا تَبَرَّجْنَ تَبَرُّجَ الْجَاهِلِيَّةِ الْأُولَى وَأَقِمْنَ الصَّلَاةَ وَآَتِينَ الزَّكَاةَ وَأَطِعْنَ اللَّهَ وَرَسُولَهُ إِنَّمَا يُرِيدُ اللَّهُ لِيُذْهِبَ عَنْكُمُ الرِّجْسَ أَهْلَ الْبَيْتِ وَيُطَهِّرَكُمْ تَطْهِيرًا (33) وَاذْكُرْنَ مَا يُتْلَى فِي بُيُوتِكُنَّ مِنْ آَيَاتِ اللَّهِ وَالْحِكْمَةِ إِنَّ اللَّهَ كَانَ لَطِيفًا خَبِيرًا (34)
(हे पैग़म्बर की पत्नियो!) अपने घरों में टिक कर रहो और अज्ञानता के आरंभिक काल जैसी सज-धज न दिखाओ। नमाज़ स्थापित करो, ज़कात दो और ईश्वर व उसके उसके पैग़म्बर का आज्ञापालन करो। है पैग़म्बर के परिजनो! ईश्वर तो बस यही चाहता है कि तुमसे हर अपवित्रता को दूर रखे और तुम्हें उस तरह पवित्र रखे जैसा पवित्र रखने का हक़ है। (33:33) (हे पैग़म्बर की पत्नियो!) तुम्हारे घरों में ईश्वर की जो आयतें और तत्वदर्शिता की बातें सुनाई जाती हैं उनकी चर्चा करती रहो। निश्चय ही ईश्वर अत्यन्त सूक्ष्मदर्शी (व) जानकार है। (33:34)