क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-772
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-772
الَّذِينَ يُبَلِّغُونَ رِسَالَاتِ اللَّهِ وَيَخْشَوْنَهُ وَلَا يَخْشَوْنَ أَحَدًا إِلَّا اللَّهَ وَكَفَى بِاللَّهِ حَسِيبًا (39)
(ये वे लोग हैं) जो ईश्वर के सन्देश पहुँचाते हैं और उससे डरते हैं और ईश्वर के सिवा किसी से नहीं डरते। और हिसाब के लिए ईश्वर काफ़ी है। (33:39)
مَا كَانَ مُحَمَّدٌ أَبَا أَحَدٍ مِنْ رِجَالِكُمْ وَلَكِنْ رَسُولَ اللَّهِ وَخَاتَمَ النَّبِيِّينَ وَكَانَ اللَّهُ بِكُلِّ شَيْءٍ عَلِيمًا (40)
मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम) तुम्हारे पुरुषों में से किसी के बाप नहीं हैं बल्कि वे ईश्वर के पैग़म्बर और अंतिम नबी हैं। और ईश्वर हर चीज़ का पूरा ज्ञान रखने वाला है। (33:40)
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آَمَنُوا اذْكُرُوا اللَّهَ ذِكْرًا كَثِيرًا (41) وَسَبِّحُوهُ بُكْرَةً وَأَصِيلًا (42)
हे ईमान वालो! ईश्वर को बहुत अधिक याद करो। (33:41) और प्रातःकाल और संध्या के समय उसका गुणगान करते रहो। (33:42)