Jan २३, २०२१ १४:४५ Asia/Kolkata

क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-795

الَّذِينَ كَفَرُوا لَهُمْ عَذَابٌ شَدِيدٌ وَالَّذِينَ آَمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ لَهُمْ مَغْفِرَةٌ وَأَجْرٌ كَبِيرٌ (7)

जो लोग काफ़िर हो गए उनके लिए कड़ा दंड है और जो लोग ईमान लाए और जिन्होंने अच्छे कर्म किए उनके लिए क्षमा और बड़ा प्रतिफल है। (35:7)

 

أَفَمَنْ زُيِّنَ لَهُ سُوءُ عَمَلِهِ فَرَآَهُ حَسَنًا فَإِنَّ اللَّهَ يُضِلُّ مَنْ يَشَاءُ وَيَهْدِي مَنْ يَشَاءُ فَلَا تَذْهَبْ نَفْسُكَ عَلَيْهِمْ حَسَرَاتٍ إِنَّ اللَّهَ عَلِيمٌ بِمَا يَصْنَعُونَ (8)

 

तो क्या जिसके लिए उसके बुरे कर्म को अच्छा बना दिया गया हो और वह उसे अच्छा ही समझ रहा हो (वह उस व्यक्ति की तरह है जो सच्चाई को सही रूप में देख रहा हो)? सच्चाई यह है कि ईश्वर जिसे चाहता है गुमराह कर देता है और जिसे चाहता है सही मार्ग दिखा देता है। तो (हे पैग़म्बर!) उन पर अफ़सोस करते-करते आपकी जान पर न बन आए। जो कुछ वे कर रहे हैं, ईश्वर उसे अच्छी तरह जानता है। (35:8)

 

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