क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-797
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-797
وَمَا يَسْتَوِي الْبَحْرَانِ هَذَا عَذْبٌ فُرَاتٌ سَائِغٌ شَرَابُهُ وَهَذَا مِلْحٌ أُجَاجٌ وَمِنْ كُلٍّ تَأْكُلُونَ لَحْمًا طَرِيًّا وَتَسْتَخْرِجُونَ حِلْيَةً تَلْبَسُونَهَا وَتَرَى الْفُلْكَ فِيهِ مَوَاخِرَ لِتَبْتَغُوا مِنْ فَضْلِهِ وَلَعَلَّكُمْ تَشْكُرُونَ (12)
और वे दोनों सागर एक समान नहीं हैं, यह मीठा, प्यास बुझाने वाला और पीने में शीतल है। और वह खारा व कड़वा है। और दोनों में से तुम ताज़ा माँस खाते हो और सजावट का सामान निकालते हो, जिसे तुम पहनते हो। और तुम नौकाओं को देखते हो कि (लहरों को) चीरती हुई आगे चली जा रही हैं ताकि तुम उसकी कृपा तलाश करो और शायद उसके आभारी बन जाओ। (35:12)
يُولِجُ اللَّيْلَ فِي النَّهَارِ وَيُولِجُ النَّهَارَ فِي اللَّيْلِ وَسَخَّرَ الشَّمْسَ وَالْقَمَرَ كُلٌّ يَجْرِي لِأَجَلٍ مُسَمًّى ذَلِكُمُ اللَّهُ رَبُّكُمْ لَهُ الْمُلْكُ وَالَّذِينَ تَدْعُونَ مِنْ دُونِهِ مَا يَمْلِكُونَ مِنْ قِطْمِيرٍ (13)
वह दिन के अंदर रात को और रात के अंदर दिन को पिरो देता है। और उसी ने सूर्य और चन्द्रमा को वशीभूत कर रखा है। यह सब एक नियत समय तक इसी तरह चलते रहेंगे। वही ईश्वर तुम्हारा पालनहार है (जिसने यह सारी व्यवस्था की है)। शासन तो बस उसी का है। और उससे हटकर जिनको तुम पुकारते हो वे तो खजूर के एक बीज के छिलके के भी मालिक नहीं हैं। (35:13)