क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-798
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-798
إِنْ تَدْعُوهُمْ لَا يَسْمَعُوا دُعَاءَكُمْ وَلَوْ سَمِعُوا مَا اسْتَجَابُوا لَكُمْ وَيَوْمَ الْقِيَامَةِ يَكْفُرُونَ بِشِرْكِكُمْ وَلَا يُنَبِّئُكَ مِثْلُ خَبِيرٍ (14)
अगर तुम उन्हें पुकारो तो वे तुम्हारी दुआ नहीं सुन सकते और अगर सुन भी लें तो तब भी तुम्हारी दुआ पूरी नहीं कर सकते और प्रलय के दिन वे तुम्हारे अनेकेश्वरवाद का इन्कार कर देंगे। (सच्चाई की) ऐसी ख़बर तुम्हें जानकार (ईश्वर) के अलावा कोई न दे सकता। (35:14)
يَا أَيُّهَا النَّاسُ أَنْتُمُ الْفُقَرَاءُ إِلَى اللَّهِ وَاللَّهُ هُوَ الْغَنِيُّ الْحَمِيدُ (15) إِنْ يَشَأْ يُذْهِبْكُمْ وَيَأْتِ بِخَلْقٍ جَدِيدٍ (16) وَمَا ذَلِكَ عَلَى اللَّهِ بِعَزِيزٍ (17)
हे लोगो! तुम ही ईश्वर के मोहताज हो और ईश्वर तो आवश्यकतामुक्त व प्रशंसित है। (35:15) अगर वह चाहे तो तुम्हें हटा कर तुम्हारे स्थान पर कोई नई रचा ले आए। (35:16) और ऐसा करना ईश्वर के लिए कुछ भी कठिन नहीं है। (35:17)