Oct ०२, २०१८ १५:३५
इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम और इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम के दौर की एक गंभीर चुनौती यह थी कि अब्बासी शासन श्रंख्ला के शासक ख़ुद को पैग़म्बरे इस्लाम के चाचा का संबंधी बताते थे और इसे हथकंडे के रूप में इस्तेमाल करते हुए ख़ुद को ख़िलाफ़त का वारिस कहते थे। हालांकि ख़िलाफ़त का विरासत से कोई संबंध नहीं है क्योंकि ख़िलाफ़त ईश्वरीय आदेश है और 12 इमाम ही ख़िलाफ़त के योग्य हैं।