Sep ०५, २०२३ १६:३८ Asia/Kolkata
  • भारत में चुनाव का नया तरीक़ा, जिसकी लाठी उसकी भैंस! मतदान से रोककर हार-जीत का हो रहा है फ़ैसला

उत्तर प्रदेश के मऊ ज़िले के घोसी विधानसभा सीट पर मंगलवार को उपचुनाव के लिए सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हो चुकी है। मतगणना 8 सितंबर को होगी। विधानसभा के 430394 मतदाता 10 प्रत्याशियों के भाग्य का फ़ैसला करने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मऊ ज़िल के घोसी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए मंगलवार 5 सितंबर की सुबह से ही वोटिंग शुरू हो चुकी है। लेकिन इस बीच जिस तरह की ख़बरें सामने आ रही हैं उसने हालिया दिनों में भारत में होने वाले चुनवों की पोल खोल दी है। स्वयं समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ने भी पुलिस प्रशासन पर कई बड़े आरोप लगाए हैं। वोटिंग शुरू होते ही समाजवादी पार्टी ने पुलिस और प्रशासन पर मतदान प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर लिखा है- घोसी विधानसभा उपचुनाव में फतेपुर ताल नर्जा, कोपागंज थाना, बूथ संख्या 354 पर मतदान प्रभावित करने का प्रयास कर रही पुलिस, सीओ ख़ुद मतदाताओं को वोट डालने से रोक रहे हैं। संज्ञान ले चुनाव आयोग, निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो।' इसी तरह अल्पसंख्यक बाहुल्य बूथ संख्या 274, 275, 276 पर आधार कार्ड की चेकिंग के नाम पर प्रशासन वोट नहीं पड़ने दे रहा है। इससे यह बात साफ दिखाई दे रही है कि उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार रामपूर की तरह घोसी विधानसभा सीट को भी किसी भी स्तर पर जीतना चाहती है। साथ ही हालिया दिनों में होने वाले चुनावों से यह बात भी देखने को मिल रही है कि जिस प्रदेश में जिसकी सरकार होती है वह उपचुनावों में अपने हिसाब से पुलिस प्रशासन का इस्तेमाल करती है। इसी लिए यह कहा जा रहा है कि जिसकी लाठी उसकी भैंस।

मुसलमानों को मतदान से रोके जाने के आरोपों के बाद, घोसी उपचुनाव में पुलिस और समाजवादी पार्टी के कार्यक्रताओं के बीच धक्का-मुक्की। 

उल्लेखनीय है कि घोसी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव मे 10 प्रत्याशियों द्वारा अपनी क़िस्मत आज़माया जा रहा है। इन प्रतियाशियों में सबसे अहम नाम पूर्व कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान का है। पिछले साल विधानसभा चुनाव 2022 में इसी विधानसभा सीट से दारा सिंह चौहान समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे थे और भाजपा के विजय राजभर को हराकर जीत हासिल की थी। हालांकि एक साल के भीतरी उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया। इसके बाद यह सीट रिक्त हो गई और चुनाव आयोग ने इस सीट पर उपचुनाव की घोषणा कर दी। वहीं घोसी विधानसभा उपचुनाव सत्ता दल और विपक्ष दोनों के लिए सम्मान का प्रश्न बन गया है, जहां सरकार के दर्जनों कैबिनेट मंत्री से लेकर दोनों उपमुख्यमंत्री तक चुनाव के आख़िरी दिन तक क्षेत्र में जम रहे। वहीं सपा के भी कद्दावर नेता प्रचार ख़त्म होने तक विधानसभा क्षेत्र में मौजूद रहे। घोसी विधानसभा उपचुनाव यूपी चुनाव ही नहीं बल्कि इसे लोकसभा चुनाव 2024 के रिहर्सल के रूप में भी देखा जा रहा है। इस उपचुनाव में इंडिया बनाम एनडीए भी सामने आ रहा है, जहां सपा के समर्थन में पूरा इंडिया खड़ा है, वहीं भाजपा का साथ एनडीए गठबंधन दे रहा है। (RZ)

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