Jan १९, २०२४ ०८:४३ Asia/Kolkata
  • या अली इब्ने अबी तालिब (अ) के कोड के साथ ईरान ने आरंभ किया संयुक्त वायु रक्षा अभ्यास, देखने वालों की खुली की खुली रह गईं आंखे!

संयुक्त वायु रक्षा अभ्यास "डिफेंडर्स ऑफ द स्काई ऑफ विलायत 1402" गुरुवार 18 जनवरी को ईरान के दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों में "या अली इब्ने अबी तालिब अलैहिस्सलाम" कोड के तहत शुरू हुआ।

इस्लामी गणराज्य ईरान की वायु रक्षा बल, आईआरजीसी की एयरोस्पेस फ़ोर्स, इस्लामी गणराज्य ईरान की वायु सेना, इस्लामी गणराज्य ईरान की नौसेना, आईआरजीसी की नौसेना और इसके अलावा ईरान की थल सेना की वह कुछ टुकड़ियां जो ख़ातेमुल अंबिया (स) वायु रक्षा संयुक्त बेस के परिचालन नियंत्रण के तहत आती हैं, इन सबकी भागीदारी के साथ यह संयुक्त वायु रक्षा अभ्यास आरंभ हुआ है। यह संयुक्त वायु रक्षा अभ्यास 600 किमी के क्षेत्र में और तटीय पट्टी से लेकर ईरान में 400 किमी की गहराई तक और हवाई निगरानी क्षेत्रों में शुरू हुआ।

"डिफेंडर्स ऑफ द स्काई ऑफ विलायत 1402"  नामक वायु रक्षा अभ्यास के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल "अब्बास फ़रजपुर"

"डिफेंडर्स ऑफ द स्काई ऑफ विलायत 1402"  नामक वायु रक्षा अभ्यास के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल "अब्बास फ़रजपुर" ने इस अभ्यास की शुरुआत के मौक़े पर कहा कि हम इस तरह के अभ्यास पूरी तरह से वास्तविक वातावरण में आयोजित करते हैं और "डिफेंडर्स ऑफ द स्काई ऑफ विलायत 1402" के पहले चरण में, रक्षा प्रणालियां परिचालन बलों की गति और त्वरित प्रतिक्रिया के दृष्टिकोण के साथ, निष्क्रिय रक्षा के सिद्धांतों के अनुसार, निर्धारित मिशन को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। ब्रिगेडियर जनरल अब्बास फ़रजपूर ने बताया कि इस अभ्यास में दुश्मनों की ओर से ख़तरे की स्थिति में समय पर निर्णय लेने के लिए रक्षा प्रणालियों और ईरान के एकीकृत वायु रक्षा नेटवर्क के कमांड और नियंत्रण केंद्रों के बीच सुरक्षित और बहुस्तरीय संचार की स्थापना की गई है।

"डिफेंडर्स ऑफ द स्काई ऑफ विलायत 1402" वायु रक्षा अभ्यास के प्रवक्ता ने पूरी तरह से स्वदेशी वायु रक्षा प्रणालियों के उपयोग को इस अभ्यास की उल्लेखनीय विशेषताओं में से एक बताते हुए कहा कि इस अभ्यास में, कमांड और नियंत्रण केंद्र अत्यधिक उन्नत हैं। इसमें स्वदेश निर्मित रडार प्रणालियों का उपयोग के साथ-साथ सिग्नल और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल निगरानी का उपयोग करके अभ्यास क्षेत्र की निगरानी की जाती है। इसके अलावा जैसे ही आधुनिक निगरानी नेटवर्क का उपयोग करके शत्रुतापूर्ण लक्ष्य की खोज की जाती है, वैसे ही लक्ष्य के लिए उपयुक्त रक्षा प्रणाली को संचालन में डाल दिया जाता है। इस अभ्यास में बड़ी मात्रा में उपयोग की जाने वाली वायु रक्षा प्रणालियों का ज़िक्र करते हुए ब्रिगेडियर जनरल अब्बास फ़रजपूर ने आगे बताया कि इन वर्षों में, ईरान के युवा और प्रतिबद्ध उद्योगपति और ईरान के सशस्त्र बलों और रक्षा उद्योगों के विशेषज्ञ, आत्म-विश्वास और "हम कर सकते हैं" के नारे में दृढ़ विश्वास रखते हुए अनगिनत प्रतिबंधों और दबावों के बाद भी इस क्षेत्र में उल्लेखनीय सफ़लता हासिल करने में सक्षम हुए हैं। (RZ)

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