Jul १३, २०१९ १२:५४ Asia/Kolkata
  • वीडियो स्कैन्डल के बाद, नवाज़ शरीफ़ को सज़ा सुनाने वाले जज अर्शद मलिक को काम करने से रोका गया

पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री नवाज़ शरीफ़ को अलअज़ीज़िया स्टील मिल्ज़ के मुक़द्दमे में सज़ा सुनाने वाले जज अर्शद मलिक को काम करने से रोक दिया गया है।

उन्हें नवाज़ शरीफ़ की बेटी मर्यम नवाज़ की उस प्रेस कॉन्फ़्रेंस के बाद हटाया गया जिसमें उन्होंने अर्शद मलिक की कथित रूप से वीडियो जारी की थी, जिसमें वह यह कहते हुए नज़र आ रहे हैं कि उन्हें ब्लैकल मेल करके और दबाव डालकर अलअज़ीज़िया रेफ़्रेन्स में सज़ा देने पर मजबूर किया गया, वरना नवाज़ शरीफ़ के ख़िलाफ़ कोई सुबूत नहीं था।

इस वीडियो के आने के बाद इस्लामाबाद हाई कोर्ट की सिफ़ारिश पर संघीय क़ानून मंत्रालय ने जवाबदेही कोर्ट के जज अर्शद मलिक को काम करने से रोक दिया है।

क़ानून मंत्री फ़रोग़ नसीम ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस करते हुए कहा कि इस्लामाबाद हाई कोर्ट के ख़त के मद्देनज़र, जज अर्शद मलिक को तत्काल रूप से काम करने से रोक दिया गया है और क़ानून मंत्रालय में हाज़िर होने का निर्देश दिया गया है।

अर्शद मलिक ने मर्यम नवाज़ की प्रेस कॉन्फ़्रेंस के एक दिन बाद प्रेस रिलीज़ जारी करके मर्यम नवाज़ के इल्ज़ाम को रद्द करते हुए वीडियो को भी ख़ारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं क़सम ख़ाकर कहता हूं कि मैंने फ़ैसला न्याय की बुनियाद पर दिया और मेरे ख़िलाफ़ प्रेस कॉन्फ़्रेंस में सब झूठ दिखाया गया।

अर्शद मलिक ने वीडियो स्कैंन्डल पर इस्लामाबाद हाई कोर्ट के उप न्यायधीष आमिर फ़ारूक़ को ख़त और हलफ़िया बयान लिख कर मर्यम नवाज़ के इल्ज़ाम को निराधार कहा है।

ग़ौरतलब है कि अर्शद मलिक ने मियां नवाज़ शरीफ़ को अलअज़ीज़िया स्टील मिल्ज़ के मामले में सज़ा सुनाई और फ़्लैग शिप मामले में उन्हें आरोप मुक्त किया था। (MAQ/N) 

 

 

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