May २२, २०२४ १३:४५ Asia/Kolkata
  • यह इंसान एकता और शांति की कोशिश में लगा रहा/ शहीद रईसी की कूटनैतिक कोशिशों पर एक रिपोर्ट

अलजज़ीरा टीवी चैनल ने एक रिपोर्ट में कहा कि फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस फ़्रंट ने अपना बहुत बड़ा समर्थक ख़ास तौर पर इस बेहद संवेदनशील समय में खो दिया है।

अलजज़ीरा ने एक रिपोर्ट में इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान और उनके साथ दूसरे लोगों की हेलीकाप्टर क्रैश की दुर्घटना में शहादत का ज़िक्र करते हुए लिखा कि अल्लाह राष्ट्रपति रईसी, विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियान और इस हवाई दुर्घटना में मारे जाने वाले सभी लोगों की मग़फ़ेरत करे।
फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस ने अपना बहुत बड़ा समर्थक खो दिया वो भी आज के इस बेहद संवेदनशील समय में जब उसे ज़्यादा से ज़्यादा समर्थकों की ज़रूरत है। अलबत्ता इस घटना के बाद ईरान की सरकार ने बड़ी कुशलता से हालात का सामना किया। एक बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि देश के संचालन में किसी तरह की कोई रुकावट नहीं आएगी, ईरान बिना किसी थकन का एहसास किए हुए गौरव और सरबुलंदी के मार्ग पर आगे बढ़ता रहेगा।
अलजज़ीरा ने इस रिपोर्ट में आगे पड़ोसी देशों के साथ ईरान के रिश्तों की मज़बूती में सैयद इब्राहीम रईसी की भूमिका का जायज़ा लेते हुए लिखा कि श्री रईसी ने पड़ोसी देशों के साथ मतभेदों को दूर करने के लिए बड़ी मेहनत की और वो अरब देशों के साथ हर सतह पर रिश्तों को बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू करने वाले थे। उन्होंने सऊदी अरब से एतिहासिक संधि करके लंबे समय से चले आ रहे तनाव को समाप्त कर दिया। वो ओमान की मध्यस्थता से मिस्र के साथ संबंधों की बहाली की दिशा में आगे बढ़े। पिछले चार दशकों से इस देश के साथ ईरान के रिश्तों पर बर्फ़ जमी हुई थी।
राष्ट्रपति रईसी ने अलजीरिया से सहयोग का दायरा बढ़ाकर दरअस्ल अफ़्रीक़ा के साथ संबंधों के विस्तार का दरवाज़ा खोला। यह क़दम उन्होंने तब उठाया जब 2020 में इस्राईल मोरक्को से नार्मलाइज़ेशन समझौता करके अफ़्रीक़ा में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश में था। अरब देशों ही नहीं बल्कि पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और तुर्किए जैसे ग़ैर अरब पड़ोसी देशों से भी राष्ट्रपति रईसी के काल में संबंधों के विस्तार के लिए सफल कोशिशें हुईं।
अलजज़ीरा ने रिपोर्ट दी कि ईरान और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त सीमा पर आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सफल कोशिशें कीं और दोनों देशों के संबंधों को तनाव से बचाने के लिए विदेश मंत्री दिवंगत अमीर अदुल्लाहियान ने पाकिस्तान का दौरा किया और तनाव की आशंका को दूर कर दिया।
क़तर के इस मीडिया आउटलेट ने ईरान और तुर्किए के संबंधों के विस्तार की ओर संकेत करते हुए लिखा कि ईरान पर अमरीका की पाबंदियों के बावजूद तुर्किए के साथ ईरान के आर्थिक लेनदेन में विस्तार हुआ। फ़िलिस्तीन के समर्थन के मसले में दोनों देशों के स्टैंड समन्वित थे। दोनों ने हमास के नेता इस्माईल हनीया की मेज़बानी की जिससे हमास को निशाना बनाने की अमरीका की कोशिशों पर पानी फिर गया।
रिपोर्ट के आख़िर में लिखा है कि आप ईरान के बारे में जो चाहे स्टैंड ले लीजिए लेकिन ज़रा इंसाफ़ से बताइए कि आज के संवेदनशील हालात में फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस के समर्थन में ईरान की आवाज़ से ज़्यादा ऊंची कोई आवाज़ सुनाई देती है। सत्य के राह के पथियों की अल्लाह मग़फ़ेरत फ़रमाए।
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