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इस्लामी जगत
Jan ०१, २०१७ १६:४३ Asia/Kolkata
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इस्लामी जगत-25
यह बात तो हम पहले ही बता चुके हैं कि इस्लामी देशों के बीच एकता या एकुजटता स्थापित करने में कुछ सामाजिक और सांस्कृतिक कारकों की भूमिका रही है।
इस्लामी जगत - 24
हमने बताया कि फ़िलिस्तीन एक एसा विषय है जिसपर पूरे इस्लामी जगत को एकजुट किया जा सकता है।
इस्लामी जगत-23
हमने तालेबान और दाइश जैसे दो अतिवादी संगठनों के बारे में विस्तार से चर्चा की थी।
इस्लामी जगत-22
हमने मुसलमानों के बीच मतभेद फैलाने वाले कारकों की विस्तार से चर्चा की थी।
इस्लामी जगत-21
इस्लामी जगत में रूढ़ीवाद के दो विदेशी और आंतरिक कारणों के बारे में बताया था।
इस्लामी जगत -20
विशेषज्ञों और विद्वानों के अनुसार, इस्लामी जगत में फूट डालने के कारकों में राष्ट्रवाद और तानाशाही शासनों का नाम लिया जा सकता है।
इस्लामी जगत- 19
इस्लामी जगत की एकता पर राष्ट्रवाद के अनुभव ने सबसे पहला नकारात्मक प्रभाव यह डाला कि उसे तीन भागों, अरबी, ईरानी और तुर्की में बांट दिया।
इस्लामी जगत-18
हमने आपको बताया था कि इस्लामी जगत में एकता स्थापित करने के लिए मुसलमान धर्मगुरूओ, बुद्धिजीवियों और समाज सुधारकों ने अथक प्रयास किये हैं।
इस्लामी जगत-17
हमने इस्लामी पंथों विशेषकर सुन्नी और शिया मुसलमानों के बीच एकता उत्पन्न कराने के लिए किये जाने वाले प्रयासों की चर्चा की थी।
इस्लामी जगत- 16
हमने बताया कि वरिष्ठ शिया धर्मगुरु स्वर्गीय आयतुल्लाह बुरुजर्दी और शैख़ शलतूत का इस्लामी मतों को एक दूसरे के निकट लाने का प्रयास मुसलमानों के बीच समरसता और इस्लामी एकता के वैचारिक आधार को बनाने में प्रभावी था।
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