Jan १४, २०२१ १५:५८ Asia/Kolkata
  • दिल की बीमारी आज भी बहुत बड़ी संख्या में लोगों की जानें ले रही है, इस बीमारी के बारे में कुछ काम की बातें

ज्ञान विज्ञान में चिकित्सा विज्ञान जितनी मानव समाज की सेवा करता है उतना शायद ही कोई अन्य क्षेत्र कर सकता हो। चिकित्सा के क्षेत्र में वैकसीन और नयी नयी दवाएं बनीं जिसकी वजह  से बहुत  से रोगों से लड़ना संभव हुआ है।

इसी तरह नये ज़माने में नयी नयी दवाओं की वजह से महामारियों और रोगों के कारण मृत्यु दर में कमी आयी है और पूरी दुनिया में आयु की औसत दर में वृद्धि  हुई है।  संक्रमण से पैदा होने वाली बीमारियों  को क़ाबू करना आसान है क्योंकि उसकी वजह स्पष्ट होती है लेकिन संक्रमण के अलावा जो बीमारियां होती हैं उनका इलाज काफी मुश्किल होता है क्योंकि उसकी वजहें कई होती हैं। इस प्रकार की बीमारियों  की जो  वजह होती हैं अगर उनकी पहचान कर ली जाए और उन्हें खत्म कर दिया जाए तो फिर बीमारी को 80 प्रतिशत तक  खत्म किया जा सकता है। हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज और शुगर जैसे रोग इसी श्रेणी में हैं। खान पान का सही न होना, मोटापा, व्यायाम से दूरी, धूम्रपान, ब्लड प्रेशर और इसी प्रकार के कई कारक, मनुष्य में ह्रदय रोग का कारण बनते हैं।  

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार सन 2015 में पूरी दुनिया में 56.4 मिलयन लोग जो हर साल मरते हैं उनमें से 15 मिलयन लोग दिल की बीमारियों और ब्रेन हैमरेज से मरते हैं। इस तरह से यह पता चलता है कि दिल की बीमारी की वजह से सब से अधिक लोग मरते हैं। दिल की भूमिका शरीर में इतनी महत्वपूर्ण है कि अगर वह स्वस्थ न हो तो फिर जीवन मुश्किल हो जाता है। दिल की बीमारी के लिए न कोई आयु होती है और न ही स्त्री पुरुष होने की वजह से कोई फर्क़ पड़ता है। किसी को भी किसी भी आयु में दिल की बीमारी हो सकती है। इस लिए अगर सतर्क रहा जाए और स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है या कम से कम उसका ख़तरा काफी कम किया जा सकता है। इस से बचने के लिए सब से ज़रूरी यह है कि हमें इस बीमारी के कारणों के बारे में सटीक और सही मालूमात हो। 

दिल की बीमारी में सब से अधिक और प्रचलित समस्या, रगों का बंद हो जाना है। दिल तक खून पहुंचाने वाली अस्ली रग बंद हो जाती है तो अचानक ही सीने में दर्द शुरु होता है और फिर हार्ट अटैक हो जाता है। इसी तरह दिल की धड़कन में समस्या पैदा हो जाती है। यह भी एक प्रकार की दिल की बीमारी है। इन्सान का दिल एक मिनट में 60 से 100 बार धड़कता है और इस प्रकार से पूरे शरीर में खून पहुंचता है। कभी कभी एसा होता है कि उसकी धड़कन में समस्या पैदा हो जाती है, अर्थात कभी धड़कन तेज़ तो कभी कम होने लगती है। जब दिल शरीर के हर हिस्से में पर्याप्त खून और आक्सीजन नहीं पहुंचा पाता तो इसका मतलब यह है कि दिल सही रूप से काम नहीं कर पा रहा है और जब वह सही रूप से काम नहीं करता तो खून दिल में जमने लगता है और धीरे धीरे दिल का साइज़ बढ़ने लगता है। इस बीमारी में ग्रस्त लोगों के चेहरे, आंखों  के आस पास और पैरों में सूजन होती है और उन्हें आराम करते और सोते समय भी सांस लेने में तकलीफ होती है। 

 

कभी कभी दिल के वाल्व खराब हो जाते हैं यह भी एक प्रकार की दिल की बीमारी है। यह वाल्व खून को निर्धारित दिशा में भेजते हैं लेकिन अगर उसमें खराबी हो जाती है तो फिर रक्त प्रवाह में विघ्न पैदा हो जाता है।अगर इस बीमारी का इलाज न हो तो धीरे धीरे खून पंप करने की दिल की क्षमता प्रभावित होती है। इस बीमारी का कारण कभी जीन्स हो सकते हैं या फिर हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, मोटापा और संक्रमण आदि इस बीमारी की वजह बन सकता है। 

दिल की कुछ बीमारियां एसी भी हैं जो पैदाइशी होती हैं लेकिन अच्छी बात यह है कि हालिया दशकों में  ह्रदय के जन्मजात रोगों में कमी आयी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि जीन्स के अलावा , संक्रमण, शराब और कुछ दवाएं इस बात का कारण बनती हैं कि बच्चा मां की कोख में  दिल की बीमारी में ग्रस्त होकर पैदा हो। 

दिल की बहुत सी बीमारियों को सही समय पर उनकी पहचान करके और सही रूप से उपचार करके ठीक किया जा सकता है। बेहोशी, तेज़ या धीरे धीरे दिल की धड़कन, पैरों, कलाइयों और पेट में अचानक सूजन दिल की बीमारियों के लक्षण होते हैं। अगर किसी को इस प्रकार की कोई समस्या आती है तो उसे तत्काल रूप से डाक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि दिल की बहुत सी बीमारियां सही समय पर उपचार से ठीक हो जाती हैं। अनुमति दें खुदा हाफिज।  

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