Jun ०९, २०२१ १६:५९ Asia/Kolkata
  • जल संकट आशा और निराशाः थोड़ी सी बात ग्रे वाॅटर के बारे में, जल संकट से निपटने में क्या है इसकी भूमिका

हम सब जानते हैं कि आजकल मानव समाज की सबसे अहम चिंताओं में से एक पानी की कमी है और इसके समाधान के लिए अनेक तरीक़े पेश किए गए हैं। इस कार्यक्रम में भी हम आपको पानी की कमी के संकट से मुक़ाबले की एक शैली से परिचित कराएंगे। यह शैली ग्रे वाॅटर या धूसर जल के इस्तेमाल की है। मीठे पानी की सुरक्षा और ज़मीन के ऊपर और नीचे जलस्रोतों की रक्षा ग्रे वाॅटर के इस्तेमाल के कुछ फ़ायदे हैं।

ग्रे वाॅटर पुनः प्रयोग होने वाले पानी को कहते हैं जो घरेलू सिवरेज से निकलता है। कपड़े व बर्तन धोने और नहाने के बाद जो पानी निकलता है उसे ग्रे वाॅटर कहा जाता है। इस पानी को सिंचाई, शौचालयों के साइफ़न या इमारतों के निर्माण में इस्तेमाल किया जाता है। ग्रे वाॅटर शहरों के सिवरेज से निकलने वाले 50 से 80 प्रतिशत तक के पानी पर आधारित होता है। ग्रे वाॅटर में शौचालयों में इस्तेमाल होने वाले पानी को छोड़ कर हर तरह का पानी शामिल होता है। ग्रे वाॅटर या घरेलू सिवरेज के पानी में और शौचालय के पानी में बहुत अंतर है क्योंकि शौचालय के पानी को गंदे पानी के रूप में जाना जाता है जिसमें मानव मल शामिल होता है।

 

इस बारे में जो शोध किए गए हैं उनसे पता चलता है कि आज ऐसे बहुत से देशों में, जिन्हें पानी की कमी का सामना है, ग्रे वाॅटर का इस्तेमाल हो रहा है और इससे उनका जल संकट किसी हद तक कम हुआ है। खेद की बात है कि बहुत से देशों में प्रचलित एक ग़लत सोच यह है कि पीने के पानी को खेतों और पार्कों की सिंचाई और शौचालयों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिससे फ़िल्टर किए गए और पीने के पानी का एक बड़ा भाग व्यर्थ हो जाता है। जबकि पौधों की सिंचाई या शौचालयों के साइफ़न जैसे सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए ग्रे वाॅटर जैसे स्रोतों का इस्तेमाल होना चाहिए।

 

घर के पौधों की सिंचाई ग्रे वाॅटर के इस्तेमाल की सबसे मुख्य और सुरक्षित जगह है। सन 2010 में क्लोरेडो विश्व विद्यालय की ओर से किए जाने वाले शोध के अनुसार सिंचाई के लिए ग्रे वाॅटर के इस्तेमाल में कोई नुक़सान नहीं है। इसके अलावा अब कुछ देशों में विकसित तकनीकों के माध्यम से स्नानगृह और शौचालय का ग्रे वाॅटर, शौचालयों के साइफ़न में फिर से लौटाया जाता है और उसका दोबारा इस्तेमाल होता है। बताया जाता है कि इस तरह का सिस्टम पानी के इस्तेमाल की दर को 30 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इसी तरह ग्रे वाॅटर को घर में हीटिंग के उपकरणों के ईंधन की आपूर्ति के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण स्वरूप हम्माम को गर्म करने के सिस्टम के लिए ग्रे वाॅटर के इस्तेमाल से पानी के व्यर्थ जाने की दर में 60 प्रतिशत कमी आई है।

 

काले और सफ़ेद पानी से ग्रे वाॅटर का अंतर इस बात का कारण बना है कि बहुत से देश इसके संबंध में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम तैयार करें। इसे पानी के इस्तेमाल में कमी और पानी के अभाव से मुक़ाबले के एक साधन के तौर पर प्रयोग करें। अलबत्ता ग्रे वाॅटर और उसके इस्तेमाल की जगह की स्वच्छता के बारे में जो संवेदनशीलता पाई जाती है, वह इस बात का कारण बनी है कि विभिन्न देश इसके इस्तेमाल के बारे में कड़े क़ानून बनाएं। कुछ देशों में सिवरेज के पानी के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी है और कुछ देशों में इस संबंध में कई सीमितताएं हैं।

उदाहरण स्वरूप ब्रिटेन में इसकी अनुमति है और नागरिक विशेष तकनीकें इस्तेमाल करके अपने पौधों की सिंचाई और शौचालय के लिए ग्रे वाॅटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। कनाडा में भी, जबकि वहां पर्याप्त मात्रा में पानी पाया जाता है, नागरिकों को इस बात की अनुमति हासिल है कि वे कपड़े धोने, सिंचाई करने और शौचालय के लिए ग्रे वाॅटर इस्तेमाल करने हेतु अपने घरों में विशेष तकनीक का प्रयोग करें। इस देश में बारिश के पानी को भी ग्रे वाॅटर की श्रेणी में रखा गया है।

 

ग्रे वाॅटर को इस्तेमाल करने के मामले में आस्ट्रेलिया सबसे मशहूर देशों में से एक है। इस देश के कुछ लोग तो ग्रे वाॅटर को नहाने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। जापान में रिसाइक्लिंग सिस्टम के माध्यम से ग्रे वाॅटर को इमारतों में इस्तेमाल करने का चलन काफ़ी पहले से है और इसमें निरंतर वृद्धि हो रही है। इस प्रकार से कि सन 1969 में ग्रे वाॅटर की परियोजनाएं 18 थीं जो सन 2010 में बढ़ कर 104 तक पहुंच गईं। वर्तमान समय में इन परियोजनाओं की संख्या बहुत अधिक है।

 

अरब देशों में भी पानी की कमी, जल संकट और जलवायु के परिवर्तन के कारण जल स्रोतों के उपयोग के लाभदायक तरीक़ों और खेतीबाड़ी के लिए फ़िल्टर्ड सिवरेज के माध्यम से पानी की आपूर्ति की शैलियों की खोज की जा रही है। इस संबंध में मिस्र, सीरिया, संयुक्त अरब इमारात और सऊदी अरब सबसे बड़े उपभोगता माने जाते हैं और दोबारा इस्तेमाल होने वाले पानी का लगभग 75 प्रतिशत भाग इन्हीं से विशेष है।

ग्रे वाॅटर को फिर से इस्तेमाल करने के सिस्टमों में सस्ती और हाथ से अंजाम दी जाने वाली शैलियों से लेकर पानी को फ़िल्टर करने तक के तरीक़े शामिल हैं जो उस पानी से चर्बी और ठोस पदार्थों को निकाल देते हैं। आरंभिक फ़िल्टर सिस्टम में तलछट रोकने वाले एक या कई टैंक होते हैं जो एक फ़िल्टर की मदद से पानी में मौजूद चर्बी और ठोस पदार्थ को निकाल कर उसे ग्रे वाॅटर में बदल देते हैं जो सिंचाई के लिए पूरी तरह से तैयार होता है। ये सिस्टम बहुत सस्ता व किफ़ायती है और ज़मीन के नीचे सिंचाई के लिए इस्तेमाल होता है। दूसरे स्तर के फ़िल्टर सिस्टमों में तेल, चर्बी और ठोस कणों की अधिक मात्रा को पानी से निकाला जाता है और उस पानी को ज़मीन के ऊपर की सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

ग्रे वाॅटर के दोबारा इस्तेमाल के सिस्टमों की सफलता, बड़ी हद तक उसकी देखभाल के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर निर्भर है। ग्रे वाॅटर का लगाया गया एक यंत्र, घर के मालिक या उस यंत्र से लाभ उठाने वाले के कांधों पर कुछ ज़िम्मेदारियां डालता है जो उस सिस्टम को तैयार करने वाली कंपनी के दिशा निर्देशों के अनुसार उसकी सही देख-भाल पर आधारित हैं। उपभोगता को ये बात सुनिश्चित बनानी चाहिए कि वह जिस सिस्टम की देखभाल कर रहा है वह पूरे समय सही काम कर रहा है और अगर उसमें कभी भी गड़बड़ हो तो उसे तुरंत ठीक किया जाए।

घरों में इस्तेमाल होने वाले पानी से लाभ उठाने के लिए सबसे पहले बर्तन धोने के सिंक, वाॅश बेसिन और हम्माम जैसे सिवरेज के भागों में एक पाइप लाइन बिछानी होती है। उसके बाद इस सिस्टम के माध्यम से दो चरणों में इस पानी को फ़िल्टर करना होता है। पहला चरण पानी का नीचे जा कर बैठ जाना है और दूसरा चरण पानी की सफ़ाई के फ़िल्टरों का इस्तेमाल है। इस पानी के पुनः प्रयोग के लिए ज़रूरी है कि हर घर में आंतरिक सिस्टम के काम करते समय, पानी की निकासी के उक्त भागों को दूसरे भागों से अलग कर दिया जाए या दूसरे शब्दों में घर में इस्तेमाल हो चुके पानी की निकासी के भाग को दो अलग अलग भागों में बांट दिया जाए।

 

शायद पहली नज़र में ऐसा लगे कि ग्रे वाॅटर को एकत्रित करके उसे इस्तेमाल के लायक़ बनाने वाले सिस्टम को स्थापित करना बड़ा मुश्किल काम होगा और इस पर बड़ा ख़र्च आता होगा और संभव है कि आपको अपने घर के क़रीब इस सिस्टम के लिए ज़रूरी उपकरण भी न मिलें क्योंकि यह सिस्टम नया है लेकिन इनमेें से कोई भी बात, इस पर ध्यान न देने का बहाना नहीं बन सकती। आप अभी से अपने घर में ग्रे वाॅटर इकट्ठा करके उसे दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं। हम आपको इसका तरीक़ा बताते हैं।

सबसे पहले घर के किसी कोने में एक बालटी रखिए और घर के गुलदानों के नीचे मौजूद पानी को इकट्ठा करके उसे दोबारा गुलदानों में डालने के लिए इस्तेमाल कीजिए। दूसरे यह कि जब आप नल में गर्म पानी आने के लिए उसे खोलते हैं तो गर्म पानी के आने तक जो ठंडा पानी आता है, उसे बेकार में मत बहाइये बल्कि नल के नीचे एक बालटी रखिए और उसमें वह ठंडा पानी इकट्ठा कीजिए। इस पानी को आप कपड़े और बर्तन धोने और दूसरे कामों में इस्तेमाल कर सकते हैं। तीसरे यह कि अगर आप घर वालों के छोटे कपड़ों को हाथ से धोते हैं तो धोवन या मैले पानी को फेंकिए मत, आप उसे ट्वाइलेट के साइफ़न में इस्तेमाल कर सकते हैं।

चौथे यह कि कपड़े धोने की मशीन में पानी की निकासी के लिए जो पाइप होता है उसे सीवरेज से न जोड़िए, इस पानी को भी ट्वाइलेट के साइफ़न में इस्तेमाल किया जा सकता है। पांचवें यह कि अगर आप अधिक बारिश वाले इलाक़े में रहते हैं तो छत से नीचे आने वाले पानी के पाइप या डाउन पाइप की ओर से निश्चेत न हो जाइये। आप उनके नीचे एक ख़ाली बालटी रख सकते हैं और जब बारिश ज़्यादा हो रही हो तो आप इस पानी से अपने फ़्लैट में उगाए गए फूल-पौधों की सिंचाई कर सकते हैं या फिर साइफ़न में इस्तेमाल कर सकते हैं, यह एक स्वच्छ और मुफ़्त पानी है।

 

हमें यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि पेय जल की बड़ी मात्रा से सिंचाई करना, पानी को बर्बाद करना और फ़ुज़ूलख़र्ची है, ख़ास कर ऐसे समय में जब पौधे, इस्तेमाल हो चुके पानी से, जिसमें उनके लिए पौष्टिक तत्व भी होते हैं, बेहतर ढंग से बढ़ते हैं। ग्रे वाॅटर का इस्तेमाल, पर्यावरण के लिए पैदा होने वाली बहुत सी समस्याओं का बड़ा ठोस समाधान है और संभावित रूप से निकट भविष्य में इसके अलावा कोई दूसरा बुनियादी समाधान बचेगा भी नहीं। अब सवाल यह है कि क्या प्रयोग हो चुके पानी का दुबारा इस्तेमाल, सुरक्षित है? जवाब हैः हां, बिलकुल सुरक्षित है। इस समय अमरीका के इलाक़े में 2.2 करोड़ लोगों के लिए ग्रे वाॅटर के 80 लाख सिस्टम हैं। पिछले 60 साल के दौरान जब प्रति वर्ष एक अरब लोगों ने प्रयोग हो चुके पानी का इस्तेमाल किया, अब तक उक्त पानी से बीमारी फैलने का एक भी मामला सामने नहीं आया।

अंत में यह अहम बात भी याद रखनी चाहिए कि ग्रे वाॅटर को किसी भी स्थिति में पीने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता और इस पानी को पौधों के ऊपर भी नहीं डाला जाना चाहिए क्योंकि यह पौधों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। इसी तरह ग्रे वाॅटर को कभी भी इकट्ठा नहीं करना चाहिए। बहुत ही गुणवत्ता वाला ग्रे वाॅटर पाया जाता है जिसे पौधों की सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है बल्कि अल्प अवधि के लिए उसे स्टोर भी किया जा सकता है। ये ग्रे वाॅटर, बारिश का पानी है जिसके लिए सिर्फ़ इकट्ठा और स्टोर करने की सैद्धांतिक शैली इस्तेमाल करने की ज़रूरत होती है। इस काम के माध्यम से धरती पर रहने वालों के लिए अच्छे भविष्य की आशा रखी जा सकती है क्योंकि इस समय भी धरती को पानी की कमी या दूसरे शब्दों में जल संकट का सामना है।

टैग्स