Pars Today
हालिया दिनों में भारत और चीन के बीच सीमावर्ती विवाद ने जिस तरह से हिंसा का रूप धारण किया उसकी मिसाल नहीं मिलती।
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ लद्दाख़ में मिली सीमा पर तनावपूर्ण हालात की समीक्षा के लिए चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेन्स स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की।
भारत और चीन ने एक दूसरे पर आरोप लगाए हैं कि वह बीते दिनों सीमा पर तनाव बढ़ाने वाली गतिविधियां कर रहे हैं।
चीन ने बांग्लादेश के लिए 5 हज़ार से अधिक उत्पादों पर 97 प्रतिशत तक टैरिफ़ ख़त्म करने की घोषणा की है।
भारत के विदेशमंत्रालय ने एक बयान जारी करके गलवान घाटी के बारे में चीन के दावे को रद्द कर दिया है।
भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा कि वायुसेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति से पूरी तरह अवगत है तथा हालात का आकलन कर रही है।
भारत की सेना ने चीन के सथ मिलने वाली संयुक्त सीमा पर अपने आधुनिक युद्धक विमान और हेलीकाप्टर तैनात कर दिए हैं।
भारतीय प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद कि चीन ने किसी भी क्षेत्र में घुसपैठ नहीं की, विपक्ष की ओर से काफ़ी हंगामा किया जा रहा है।
भारत की केन्द्र सरकार ने इस बात का स्पष्टीकरण दिया है कि चीन किसी भी भारतीय क्षेत्र में नहीं घुसा है और किसी भी भारतीय चौकी पर क़ब्ज़ा नहीं किया है।
पूर्व कूटनयिक के सी सिंह ने चीन के साथ टकराव को मौजूदा एनडीए सरकार की सबसे बड़ी चुनौती मानते हुए कहा कि यह टकराव भारत की चीन के बारे में नीति पर पूरी तरह फिर से विचार करने की मांग करता है।