सीरियाई शरणार्थियों को मौत के मुंह में झोंक कर अपनी बार्गेनिंग पोज़ीशन मज़बूत करना चाहते हैं अर्दोग़ान?!
गार्डियन अख़बार ने डैनियल बोफ़ी की रिपोर्ट प्रकाशित की जिसके अनुसार तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान ने जब से एलान कर दिया है कि उनका देश यूरोप की ओर बढ़ने वाली सीरियाई शरणार्थियों की लहर को नहीं रोकेगा तब से यूनान की सीमा पर हिंसा शुरू हो गई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि यूनान की सीमा में किसी भी तरह घुस जाने के लिए प्रयासरत सीरियाई शरणार्थियों और यूनान के सीमा सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हो रही हैं। यूरोप ने अपनी सीमा पूरी मज़बूती से बंद करने की बात कही है।
अर्दोग़ान के एलान के बाद 76 हज़ार शरणार्थी यूनान की सीमा की ओर बढ़ने लगे जहां यूनानी सुरक्षा बलों से उनकी झड़पें हुईं।
तुर्की के गृह मंत्री सुलैमान सुवैलू ने कहा कि हज़ारों की संख्या में शरणार्थी यूनान और बुल्गारिया की सीमा की ओर बढ़ रहे हैं।
सीरिया में गृह युद्ध की आग भड़काने में तुर्की की अर्दोग़ान सरकार आगे आगे थी जबकि यूरोपीय देश, अमरीका और अरब सरकारें भी आंख बंद करके इस संकट में कूट पड़ी थीं। अब अर्दोग़ान सीरियाई शरणार्थियों का संकट यूरोप पर दबाव डालने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं जो बहुत निन्दनीय है। अर्दोग़ान को इस समय उत्तरी सीरिया के इलाक़े में लगातार नाकामी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनके द्वारा समर्थित चरमपंथी संगठन सीरियाई सेना के सामने टिक नहीं पा रहे हैं तो इस स्थिति में अपनी पोज़ीशन मज़बूत करने के लिए अर्दोग़ान यूरोप का सहारा लेना चाहते हैं बल्कि यूरोप को अपना साथ देने पर मजबूर करने के लिए शरणार्थियों का कार्ड खेल रहे हैं।