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प्राचीन समय में बसे हुए बड़े शहरों में कहीं कहीं बाज़ार इस तरह बनाए गए कि आज भी वहां लेन-देन होता है और उसकी पारंपरिक संरचना कुछ हद तक अब भी सुरक्षित है।
आपको याद होगा कि पिछले कार्यक्रम में हमने यह बताया कि ईरान में बाज़ार के वजूद का इतिहास हज़ारों साल पुराना है।
इसके बाद से आप ईरान में वास्तुकला के विभिन्न नमूनों व प्रकारों से परिचित होंगे।
हमने ईरान की वास्तुकला की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए यह कहा था कि ईरान में भवन निर्माण के लिए जिन वस्तुओं का प्रयोग किया जाता था वे सामान्यतः देश के भीतर ही पाई जाती थीं।
हमने ईरानी वास्तुकला की कुछ विशेषताओं के बारे में आपको बताया था। हमने यह भी बताया था कि ईरानी वास्तुकला में प्रकृति और प्रकाश को विशेष महत्व दिया जाता है।
ईरान एक ऐसा देश है जहां पर ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के साथ ही कल-कल बहती नदियां और झरने भी हैं।
हमने कहा था कि पानी जैसी प्राकृतिक चीज़ का प्रयोग ईरानी वास्तुकला में किस प्रकार किया जाता था।
ईरान की वास्तुकला में एसी विशेषताएं पाई जाती हैं जिनकी तुलना यदि अन्य देशों की वास्तुकला से की जाए तो हमें उनकी विशिष्टताओं का पता चलेगा।
इससे पहले हमने आपको शहरों की बनावट और शहरों में बनी इमारतों की डिज़ाइनिंग में ईरानी कलाकारों की सूझबूझ और सूक्ष्म तैयारियों के बारे में बताया था।
क़ुरआने मजीद ईमान वालों की कुछ विशेषताओं का उल्लेख करता है जिनमें से एक यह है कि वे व्यर्थ बातों व कार्यों से मुंह मोड़ लेते हैं।