Pars Today
संयुक्त राष्ट्र संघ में इस्लामी गणतंत्र ईरान के स्थायी प्रतिनिधि कहा है कि फिलिस्तीन पर नाजायज़ क़ब्ज़ा , इलाक़े के सभी संकटों की जड़ है।
संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के स्थाई राजदूत ने बल दिया है कि अफ़ग़ानिस्तान पर अमरीका के हमले के बाद से दुनिया सुरक्षा का एहसास नहीं करती।
संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के स्थाई राजदूत ने कहा है कि हस्तक्षेप, अतिग्रहण और शासन बदलने के प्रयास, चरमपंथी और आतंकवादी गुटों के उदय के कारण मध्यपूर्व की अधिकतर महिलाए भविष्य की ओर से निराश हो गयी हैं।
इस्लामी गणतंत्र ईरान ने एक बार फिर यह मांग की है कि परमाणु हथियार रखने वाले देश अपने परमाणु हथियारों को तबाह करें।
संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के स्थायी दूत ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि ज़ायोनी शासन अब तक संयुक्त राष्ट्र संघ के 68 प्रस्तावों की अनदेखी कर चुका है, कहा है कि इस्राईल का इतिहास फ़िलिस्तीनियों की मातृभूमि पर अवैध क़ब्ज़े से शुरू हुआ और अन्य देशों के ख़िलाफ़ अतिक्रमण के साथ जारी रहा है।
संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के स्थाई राजदूत ने अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के जेसीपीओए विरोधी बयान पर ईरान के बयान को सुरक्षा परिषद के दस्तावेज़ के रूप में पंजीकृत करने की मांग की है।
संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के स्थाई दूत ग़ुलाम अली ख़ुशरू ने इस बात पर बल देते हुए कि संयुक्त राष्ट्र संघ के घोषणापत्र का आधार शांति की संस्कृति है, कहा कि इस विषय को इस संस्था की गतिविधियों का केन्द्र होना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के राजदूत ग़ुलाम अली ख़ुशरू ने कहा कि अमरीकी राजदूत इतिहास पढ़ें और अमरीका के वरिष्ठ अधिकारियों को सुझाव दें कि वह अतीत की ग़लतियों को दोहराने से बचें।
श्री खुश्रो ने बल देकर कहा कि सऊदी अरब के रक्षामंत्री का शत्रुतापूर्ण बयान न केवल ईरान के विरुद्ध धमकी है बल्कि स्पष्ट स्वीकारोक्ति है कि सऊदी अरब की सरकार का ईरान के भीतर हिंसात्मक व आतंकवादी कार्यवाहियों में हाथ है
राष्ट्रसंघ में ईरानी राजदूत ने कहा कि जायोनी शासन ने वर्ष 1948 से अब तक क्षेत्रीय देशों पर कम से कम 14 बार हमला किया है