Jan ०३, २०२१ १०:३१ Asia/Kolkata
  • मज़लूमों और कमज़ोरों की रक्षा के लिए जान देने वाले कहलाते हैं योद्धाः मौलाना कल्बे जवाद नक़वी

ईरान के महान योद्धा शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी और शहीद अबू मेहदी अल-मोहन्दिस की पहली बरसी के अवसर पर जहां ईरान, इराक़ और दुनिया के बहुत सारे देशों में शोक सभाओं और सम्मेलनों का आयोजन हो रहा है वहीं भारत के भी कई शहरों और इलाक़ों में प्रतिरोध के जियालों की याद में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मजलिसे ओलमाए हिन्द द्वारा “यादे शोहदा शीर्षक के तहत एक सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में धर्मगुरुओं, विद्वानों और आम जनता ने भाग लिया।

सम्मेलन में शामिल मौलाना हसनैन बाक़ेरी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि शहीद जनरल सुलैमानी ने दुनिया में आतंकवाद को पनपने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि साम्राज्यवादी शक्तियों द्वारा पूरी योजना के साथ बनाए गये आतंकावादी संगठन दाइश के अस्तित्व को उन्होंने दुनिया से मिटा दिया। वह लड़ाई के मैदान से पीछे नहीं हटते थे और हमेशा मैदान पर सामना करने के लिए दुश्मन को चुनौती देते थे। लेकिन साम्राज्यवादी शक्तियों के पास मैदान पर उनका सामना करने की ताक़त नहीं थी, यही कारण है कि उन्होंने रात के अंधेरे में कायरतापूर्ण ढंग से हमला करके उन्हें शहीद कर दिया।

सम्मेलन में भाग लेने वाले मौलाना सईदुल हसन नक़वी ने कहा कि जनरल क़ासिम सुलैमानी और हश्दुश्शाबी के कमांडर अबू मेहदी अल-मोहन्दिस के क़ाफिले पर हमला अंतर्राष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन था। उन्होंने कहा कि जनरल सुलैमानी ने किसी विशेष देश और राष्ट्र के लिए संघर्ष नहीं कर रहे थे बल्कि वह मानवता की रक्षा के लिए काम कर रहे थे।

File photo

यादे शोहदा के शीर्षक के तहत आयोजित हुए सम्मेलन को संबोधित करते हुए मजलिसे ओलमाए हिन्द के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद नक़वी इमाम जुमा लखनऊ ने कहा कि अत्याचारियों की सभी योजनाओं और प्रोपेगडों पर शहीद के ख़ून की एक बूंद भारी पड़ती है। यही कारण है कि जनरल कासिम सुलैमानी और अबू मेहदी अल-मोहन्दिस की शहादत के बाद साम्राज्यवादी शक्तियों के चेहरे पर से पर्दा हट गया है और दुंनिया जान गई कि आतंकवाद को किसने पेदा किया है।

उन्होंने कहा कि, शहीद क़ासिम की हत्या का षड्यंत्र रचकर अमेरिका, जिसे कथित तौर पर विश्व शक्ति के रूप में मान्यता प्राप्त थी, उसने अपनी शक्ति की साख खो दी है और आज इराक़ और पश्चिमी एशिया से अमेरिकी सैनिकों की अपमानजनक वापसी होना आरंभ हो गई है। मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि जनरल सुलैमानी ने कमज़ूरों और मज़लूमों की रक्षा की। उन्होंने कहा कि असली योद्धा वही होता है जो अपनी जान देकर मज़लूमों और कमज़ोरो की रक्षा करता है।

 उल्लेखनीय है कि सम्मेलन से पहले मौलाना शाहिद जमाल रिज़वी द्वारा संकलित पुस्तक ज़िन्दा शहीद का अनावरण मौलाना कल्बे जवाद नक़वी और अन्य विद्वानों और धर्मगुरुओं द्वारा किया गया। (RZ)

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