May ०२, २०२१ ०८:५२ Asia/Kolkata
  • 19 रमज़ान की रात, शबे क़द्र व हज़रत अली (अ) पर हमले की रात, रात भर नम आंखों से हुई उपासना, लखनऊ की सड़कों पर सन्नाटा देख श्रद्धालुओं के दिल रोने लगे

कोरोना महामारी के बढ़ते क़हर के बीच इस्लामी गणतंत्र ईरान सहित पूरी दुनिया में कोविड-19 की गाइडलाइनों का पालन करते हुए रोज़ेदारों ने पहली शबे क़द्र की उपासना की और साथ ही हज़रत अली अलैहिस्सलाम का शोक मनाया।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, शनिवार की रात पूरे ईरान में मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों पर कोविड-19 की गाइडलाइनों का कड़ाई से पालन करते हुए रोज़ेदारों और श्रद्धालुओं की भीड़ रही और रात भर लोगों ने उपासना, प्रार्थना और हज़रत अली (अ) का शोक मनाया। ग़ौरतलब है कि, 19 रमज़ान की तारीख़, इस्लामी कैलेंडर में दो कारणों से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। 19 रमज़ान की रात जहां शबे क़द्र मानी जाने वाली रमज़ान की तीन रातों में से एक है, वहीं 19 रमज़ान को सुबह सवेरे इराक़ स्थित क़ूफ़ा नामक मस्जिद में नमाज़ के दौरान सजदे की हालत में इब्ने मुल्जिम नाम के व्यक्ति ने हज़रत अली (अ) के सिर पर ज़हर में बुझी हुई तलवार से हमला करके गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था, जिसके तीन दिन बाद आपकी शहादत हो गई थी।

शबे क़द्र को पवित्र क़ुरान ने एक हज़ार महीनों से सर्वश्रेष्ठ बताया है, इसीलिए दुनिया भर के मुसलमान इस रात को जागकर गुज़ारते हैं और रात भर ईश्वर की इबादत में लीन रहते हैं और अपनी ग़लतियों की माफ़ी मांगते हैं। इस वर्ष भी पिछले साल की तरह कोरोना अपने चरम पर है इसलिए श्रद्धालु कोविड-19 की गाइडलाइनों का पूरी तरह पालन करते हुए ईश्वर की उपासना कर रहे हैं साथ ही दुनिया को इस महामारी से छुटकारा मिल जाए इसके लिए भी दुआएं कर रहे हैं। शनिवार रात ईरान में 19 रमज़ान की रात थी, इस अवसर पर ईरान भर में मस्जिदों और इमामबाड़ों में लोगों ने इबादत की और हज़रत अली (अ) को श्रद्धांजलि दी। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार इराक़ के पवित्र नगरों नजफ़, कर्बला, काज़ेमैन, सामर्रा और मस्जिदे कूफ़ा में कार्यक्रमों का क्रम जारी है जबकि ईरान के समस्त छोटे बड़े शहरों विशेषकर पवित्र नगर मशहद और क़ुम में हर ओर शोक सभाओं का क्रम जारी है।

File Photo

इस अवसर पर पूरे ईरान में काले पर्दे लगे हुए हैं जबकि मस्जिदों, इमामबाड़ों और धार्मिक स्थलों तथा सड़कों पर काले झंडे लगाए गये हैं। पवित्र नगर मशहद में हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम और क़ुम में हज़रत मासूमा के रौज़ों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हैं। वहीं भारत और पाकिस्तान में भी लोगों ने कोरोना महामारी के कारण शबे क़द्र की उपासना और प्रार्थना ज़्यादातर अपने-अपने घरों में अंजाम दी। भारत के लखनऊ शहर में ऐतिहासिक कूफ़े वाली मस्जिद में 19 रमज़ान को होने वाला विशेष कार्यक्रम और हज़रत अली (अ) की याद में उठने वाला गिलीम का ताबूत पिछले वर्ष की तरह इस बार भी नहीं उठ सका, जिसको लेकर हज़तर अली के श्रद्धालु के दिल रो रहे हैं। (RZ)

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