Pars Today
यूनीसेफ ने सचेत किया है कि अफ़ग़ानिस्तान में लाखों लोग, विशेषकर बच्चे, भुखमरी का शिकार हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ के बाल कोष (यूनिसेफ) ने चेतावनी दी है कि ख़राब भोजन और दवा की कमी के कारण लगभग दस लाख अफ़ग़ान बच्चों की जान पर ख़तरा मंडरा रहा है।
क्या यूनिसेफ़ स्वतंत्र संस्था है या बच्चों की सेवा की आड़ में अमेरिका और इस्राईल की सेवा करती है?
यूनिसेफ ने कहा है कि कोरोना वायरस के फैलाव के साथ ही भारी वर्षा की वजह से यमन में पचास लाख से अधिक बच्चों को कॅालरा और महामारी का खतरा है।
पुलिस बच्ची के माता- पिता को ढूंढ़ रही है
यूनीसेफ़ ने अपने एक बयान में बताया है कि पिछले दस दिनों के दौरान यमन के 27 बच्चे हताहत या घायल हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र अन्तर्राष्ट्रीय बाल आपात कोष (यूनिसेफ़) ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में कहा है कि लीबिया की राजधानी त्रिपोली में हिंसा के कारण, क़रीब 5 लाख बच्चों की जान को ख़तरा है।
स्वीडन में यमन के संघर्षरत पक्षों में गुरुवार को वार्ता आरंभ हो गयी है जबकि वार्ता के पक्षों से यूनिसेफ ने अपील की है कि वह यमन के बच्चों के भविष्य और उनके अपार दुखों पर विशेष रूप से ध्यान दें।
यमन के मासूम बच्चों की सुध लेने वाला कोई नहीं, इस्लामी जगत भी ख़ामोश तमाशाई बना हुआ है।
यूनिसेफ़ ने कहा है कि यमन में बच्चों के अस्पताल भी सुरक्षित नहीं है।