Oct २०, २०२३ १४:०८ Asia/Kolkata

अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जो इससे पहले तक वाइट हाउस में नेतन्याहू से मिलने तक को राज़ी न थे लेकिन नेतन्याहू ने बाइडेन को अपनी सभी गतिविधियों को स्थगित करने और बुढ़ापे के चरम पर होने की वजह से पैदा होने वाली कमज़ोरियों के बावजूद अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन का दौरा करने पर मजबूर कर दिया।

बाइडेन की यह यात्रा एसी हालत में हुई जब इस्राईल ने अल-मअमदानी अस्पताल में शरण लेने वाले नागरिकों का नरसंहार करने के लिए अमेरिका द्वारा दिए गए एक टन के बम का इस्तेमाल किया जिन्होंने सोचा था कि इस्राईली पक्ष द्वारा गैरेंटी दिए जाने के बाद वे हवाई हमले के ख़तरे से सुरक्षित रहेंगे।

इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय सिद्धांतों और क़ानूनों के अनुसार, नागरिकों और अस्पतालों जैसे नागरिक केंद्रों पर हमले को युद्ध अपराध माना जाता है।

चूंकि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पश्चिमी सरकार के दोहरे मानकों और विशेष रूप से अमेरिका के समर्थन के कारण इस्राईल के युद्ध अपराधों पर कोई मुक़द्दमा नहीं चलाया जाता है इसलिए यह शासन इन अपराधों को अंजाम देने में अधिक दुस्साहस हो गया है और अधिक से अधिक अपराध करता है।

इस नज़रिए से ज़ायोनी शासन के अपराधों में हिस्सेदारी पश्चिमी सरकारों और मानवाधिकार परिषद जैसी अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक और सुरक्षा संस्थाओं या अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय जैसे अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफ़ार्म की भी होती है।

इस संबंध में हालांकि ग़ज़्ज़ा पर ज़ायोनी शासन के हमलों के नए दौर की शुरुआत के बाद से ही संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद ने दो बैठकें कीं लेकिन दोनों बार अमेरिका के वीटो की वजह से कोई ख़ास सफलता हासिल नहीं हो सकी।

पहले यह सोचा गया था कि पहले प्रस्ताव के वीटो का कारण रूस द्वारा प्रस्तुत किया जाना था लेकिन ब्राज़ील द्वारा प्रस्तावित मसौदे के वीटो से पता चलता है कि पश्चिमी सरकारें, विशेष रूप से अमेरिका और ख़ुद बाइडेन पूरी तरह से खेल का मज़ा ले रहे हैं।

इस बीच ग़ज़्ज़ा की जनता विशेषकर बच्चों और महिलाओं के बड़े पैमाने पर नरसंहार के बीच बाइडेन की अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन की यात्रा न केवल अमेरिका को नेतन्याहू के सहयोगी में बदल देती है क्योंकि हत्याएं अमेरिकी एफ़-16 विमानों और एक टन के बम द्वारा की गई हैं।

बहरहाल अमेरीकी राष्ट्रपति की अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन की यात्रा की वजह से यह शासन अपने अपराधों को जारी रखने और ग़ज़्ज़ा के पूर्ण विनाश पर अधिक दुस्साहस हो गया है और ऐसा लगता है कि बाइडेन की इस यात्रा का परिणाम ज़ायोनी शासन के हमलों में तेज़ी और निरंतरता के रूप में सामने आएगा। (AK)

 

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