Sep १०, २०१७ ०८:४७ Asia/Kolkata
  • 2016 को ईदे ग़दीर के अवसर पर यमन की राजधानी सनआ में आयोजित जश्न की तस्वीर
    2016 को ईदे ग़दीर के अवसर पर यमन की राजधानी सनआ में आयोजित जश्न की तस्वीर

यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के महासचिव ने बल दिया कि तकफ़ीरी गुटों ने इस देश में ग़दीरे ख़ुम के जश्न के आयोजन को रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन यमनी जनता दुनिया भर के मोमिन बंदों के साथ इस महादिवस का जश्न मना रही है।

ग़ौरतलब है कि 10 हिजरी क़मरी को पैग़म्बरे इस्लाम ने अपने जीवन के अंतिम हज से लौटते समय ईश्वर के आदेश पर 18 ज़िलहिज को ग़दीर नामक स्थान पर 1 लाख 20000 से ज़्यादा हाजियों के बीच हज़रत अली अलैहिस्सलाम को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था।

अब्दुल मलिक बदरुद्दीन अलहौसी ने शनिवार को ग़दीरे ख़ुम के अवसर पर अपने भाषण में कहा, “यमनी राष्ट्र इसलिए ईदे ग़दीर मनाता है क्योंकि यह इस्लामी नियमों पर आधारित है और आज का दिन इस्लाम में महादिवस है।”

उन्होंने कहा कि यमनी राष्ट्र नस्ल दर नस्ल ईदे ग़दीर का जश्न मनाता आ रहा है। लोग शहरों, गावों और बहुत से क्षेत्रों में इकट्ठा होते और इस शुभ अवसर पर भाषण और शेरों शायरी सहित विभिन्न शैलियों में जश्न मनाते हैं।

 

इस दिन जब पैग़म्बरे इस्लाम ग़दीर नामक स्थान पर पहुंचे तो हज़रत जिबरईल पैग़म्बरे इस्लाम के पास माएदा नामक सूरे की 67वीं आयत लेकर उतरे जिसमें ईश्वर कह रहा है, “हे पैगम़्बर जो उस आदेश को पहुंचा दें जो आप पर आपके पालनहार की ओर से भेजा जा चुका है। अगर आपने ऐसा न किया तो आपने ज़िम्मेदारी को पूरा न किया और ईश्वर आपकी लोगों से रक्षा करेगा।” (MAQ/N)

 

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