May ३१, २०२२ १६:१७ Asia/Kolkata

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति के साथ भेंट में ईरान तथा ताजिकिस्तान के बीच ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं भाषाई स्तर पर गहरी समानताओं का उल्लेख किया।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमाम अली रहमान और उनके साथ आए शिष्टमण्डल से भेंट के दौरान क्षेत्रीय मुद्दों विशेषकर अफ़ग़ानिस्तान की वर्तमान स्थति के बारे में चर्चा की।

उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान को लेकर ईरान और ताजिकिस्तान की चिंताएं समान हैं। दोनो ही देश वहां पर बढ़ते आतंकवाद और अतिवाद को लेकर चिंतित हैं।  वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारा मानना है कि वर्तमान समय में जो लोग अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता में हैं उनको वहां पर सबकी सम्मिलिति से व्यापक सरकार का गठन करना चाहिए।

इस भेंटवार्ता में ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति ने अफ़ग़ानिस्तान के संदर्भ में कहा कि हम इस देश में शांति एवं सुरक्षा के साथ ही वहां पर एसी सरकार के गठन के इच्छुक हैं जिसमें अफ़ग़ानिस्तान के सभी वर्गों की सहकारिता हो।

वर्तमान समय में केन्द्रीय एशिया को बढ़ती आतंकी कार्यवाहियों का सामना है।  ईरान और ताजिकिस्तान दोनो देशों को संयुक्त रूप से आतंकवाद, अतिवाद और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी समस्याओं का समाना है।  यह दोनो देश पहले ही अफ़ग़ानिस्तान में आतंकवादी गुट दाइश के विस्तार पर अपनी चिंता सार्वजनिक रूप में ज़ाहिर कर चुके हैं।

इस बीच तालेबान का यह दावा है कि वे अफ़ग़ानिस्तान में शांति एवं सुरक्षा स्थापित करने में पूरी तरह से सक्षम हैं।  तालेबान यह दावा भी करते हैं दाइश, अफ़ग़ानिस्तान के लिए कोई गंभीर ख़तरा नहीं है।  हालांकि अप्रैल के महीने के अन्तिम दो सप्ताहों में अफ़ग़ानिस्तान में इतनी अधिक हिंसक कार्यवाहिंया हुई जिनमें लगभग 700 लोग हताहत और घायल हुए थे।  इन हिंसक कार्यवाहियों में से अधिकांश की ज़िम्मेदारी उस आतंकी गुट ने स्वीकार की थी जिसको तालेबान अफ़ग़ानिस्तान के लिए गंभीर ख़तरे के रूप में नहीं देखते हैं।

अफ़ग़ानिस्तान के उत्तर में ताजिकिस्तान से मिलने वाली सीमा वाला क्षेत्र एसा इलाक़ा है जहां पर अशांति की स्थति में पूरे क्षेत्र में अस्थिरता फैल सकती है।  ताजिकिस्तान के अधिकारियों ने हाल ही में बताया है कि अफ़ग़ानिस्तान के तख़ार प्रांत के ख़वाजा ग़ार नगर से ताजिकिस्तान की ओर से चार देसी मिसाइल फाएर किये गए।  इस काम की ज़िम्मेदारी दाइश ने स्वीकार की। 

आतंकवाद के अतिरिक्त मध्य एशिया को मादक पदार्थों की तस्करी जैसी समस्या का भी सामना है।  अफ़ग़ानिस्तान में मादक पदार्थों की बढ़ती पैदावार और यूरोप तथा अमरीका के लिए उनकी तस्करी, ईरान और ताजिकिस्तान के लिए गंभीर चुनौती हैं क्योंकि दोनो देशों की अफ़ग़ानिस्तान से लंबी सीमाएं मिलती हैं।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के हिसाब से वर्तमान परिस्थतियों में आतंकवाद से मुक़ाबले के लिए ईरान और ताजिकिस्तान के बीच सहकारिता बहुत ज़रूरी है।  इस संदर्भ में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई का मानना है कि इस संदर्भ में ईरान तथा ताजिकिस्तान के मध्य सहयोग की ज़रूरत है क्योंकि यह संयुक्त चिंता का मुद्दा है।

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