Oct ०६, २०२३ १५:१० Asia/Kolkata

सीरिया में एक बार फिर आतंकी हमलों में तेज़ी आ गयी है।

सीरिया के हुम्स प्रांत के स्वास्थ्य विभाग ने घोषणा की कि हुम्स कैडिट कॉलेज पर हुए हमले में 89 लोग मारे गए जबकि 277 घायल हुए।

अल जज़ीरा टेलीविजन चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया के हुम्स प्रांत के कैडिट कॉलेज पर एक आतंकवादी ड्रोन हमले में 89 लोग मारे गए जबकि 250 से ज़्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है।

सीरिया की सरकारी समाचार एजेन्सी साना ने अपनी रिपोर्ट में इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि हुम्स में कैडिट कॉलेज के छात्रों के स्नातक समारोह पर ड्रोन से होने वाले आतंकवादी हमले में कई लोग हताहत हो गये। सीरिया की सरकार ने इस दर्दनाक हमले के बाद तीन दिनों के आम शोक की घोषणा की है।

सीरिया के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में घोषणा की है कि स्पष्ट और ज्ञात अंतर्राष्ट्रीय पक्षों द्वारा समर्थित आतंकवादी समूहों ने अपने आपराधिक तरीक़ों को तेज़ करते हुए सीरियाई जनता के ख़ून से होली खेली और कैडिट कालेज के पास आउट कार्यक्रम को ड्रोन विमान से निशाना बनाया।

बयान में कहा गया कि हमले में कई आम नागरिकों और सैनिकों की मौत हुई जबकि दर्जनों अन्य लोग घायल हुए हुए हैं, घायलों में कुछ की हालत चिंताजनक बताई जा रही है।

सीरिया के रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सीरियाई सेना और सशस्त्र बलों के जनरल कमांड, आतंकवाद के इस कायरतापूर्ण कृत्य को एक अभूतपूर्व आपराधिक कृत्य मानते हैं और इस बात पर जोर देते हैं कि वह इन आतंकवादियों को अपनी पूरी ताकत और दृढ़ संकल्प से मुंहतोड़ जवाब देंगे और इस आपराधिक कृत्य की योजना बनाने वालों और इसको अंजाम देने वाले अपराधियों को दंडित किया जाएगा और उन्हें भारी क़ीमत चुकानी पड़ेगी।

इससे पहले इराक़ और सीरिया के अधिकारियों ने सचेत किया था कि सीरिया के अलहसका प्रांत में स्थित अलहौल कैंप, क्षेत्रीय देशों की सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरा है। अलहसका प्रांत पर अमरीका और उसके कुर्द समर्थकों का नियंत्रण है। यही कारण है कि अंकारा में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद तुर्किए के विदेशमंत्री हाकान फ़ीदान ने इराक़ और सीरिया में पीकेके और वाईपीजी के ठिकानों पर जवाबी कार्यवाही की ओर इशारा करते हुए तीसरे पक्ष को भी सचेत किया था और कहा था कि मैं तीसरे पक्ष को नसीहत करता हूं कि वह इन क्षेत्रों और आतंकी गुटों से दूर रहे।  तुर्क मीडिया ने अपने रिपोर्ट में कहा कि तीसरे पक्ष से फ़ीदान का तात्पर्य अमरीका है।

सीरिया, इराक़ और तुर्किए सहित स्थानीय देश अमरीका पर आतंकियों के समर्थन का आरोप लगाते रहे हैं और उनका कहना है कि क्षेत्र में अमरीका की उपस्थिति की वजह से आतंकवाद का ख़तरा और भी बढ़ गया है।  

 

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