क़ुराने मजीद के सूरए आले इमरान की 135वीं और 136वीं आयतों में तौबा के बारे में उल्लेख किया गया है कि जो लोग महा पाप करते हैं या छोटे पापों से अपने ऊपर अत्याचार करते हैं, उन्हें ईश्वर को याद करना चाहिए और अपने पापों को लिए माफ़ी मांगनी चाहिए, कौन है ईश्वर के अलावा पापों को क्षमा करने वाला, जो कुछ उन्होंने किया है, हालांकि वे जानते हैं कि यह सही नहीं है, लेकिन वे अपने गुनाहों पर आग्रह नहीं करते, उन्हें क्षमा कर दिया जाएगा और ईश्वर उन्हें स्वर्ग प्रदान करेगा, जिसमें नहरें जारी होंगी, वे सदैव उसमें र