Pars Today
पवित्र रमज़ान की 22वीं तारीख़ है।
इस पवित्र महीने के अंतिम दिनों का एक विशेष स्थान है और इस संबंध में पैग़म्बरे इस्लाम (स) और उनके परिजनों ने विशेष दुआओं का उल्लेख किया है।
एक ईश्वरीय आदेश के रूप में रोज़े के न केवल अनेक आध्यात्मिक फल हैं बल्कि इससे मनुष्य पर प्रशैक्षिण दृष्टि से भी विभिन्न प्रकार के प्रभाव पड़ते हैं।
हे हमारे पालनहार! आज रमज़ान महीने की नौ तारीख़ है हमें अधिक से अधिक पवित्र कुरआन की तिलावत करने और उसे समझने का सामर्थ्य प्रदान कर।
पवित्र रमज़ान का महीना, हमारी ज़िन्दगी पर ईश्वर की कृपा की बारिश का महीना है।
रमज़ान का महीना पवित्र कुरआन के नाज़िल होने का महीना है।
दसवीं शताब्दी के खगोलशास्त्री मोहम्मद बिन मोहम्मद यहिया अबुलवफ़ा बूज़जानी का पहली रमज़ान 328 हिजरी क़मरी को वर्तमान ख़ुरासान के तुरबत जाम शहर के निकट बूज़जान में जन्म हुआ।
ईश्वर ने मनुष्य के जीवन में महत्पूर्ण और विभूतिपूर्ण महीने और दिन रखे हैं।
इस्लामी शिक्षाओं में कई प्रकार की इबादतों या उपासनाओं का आदेश दिया गया है जैसे नमाज़, रोज़ा और हज आदि। इस्लाम में जिन उपासनाओं का आदेश मिलता है उनमें से कुछ दैनिक हैं, कुछ साप्ताहिक तो कुछ वार्षिक।