Sep २१, २०२२ १३:२७ Asia/Kolkata
  • ईरान में होने वाले प्रदर्शनों का सच आने लगा सामने, विदेशी मीडिया का ईरान के ख़िलाफ़ झूठा प्रचार, देश की जनता को उकसाने के लिए झोंकी ताक़त

ईरान में महसा अमीनी नामक एक लड़की की मौत के बाद देश की जनता जहां उसकी मौत के कारणों को जानने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतेज़ार कर रही थी, वहीं विदेश मीडिया ने महसा अमीनी की मौत को लेकर झूठा प्रचार करना शुरू कर दिया और आम लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए उकसाने लगा, इस बीच राजधानी तेहरान समेत कई शहरों में प्रदर्शन शुरू हो गए, जिसमें शरारती तत्वों ने मौक़े का फ़ायदा उठाते हुए प्रदर्शनों को हिंसक रूप देने की कोशिश की है।

तेहरान पुलिस के सूचना केंद्र ने गुरुवार, 15 सितंबर को एक पुलिस मुख्यालय में स्थानांतरित होने के बाद एक युवती के अस्वस्थ होने की ख़बर के प्रकाशन के बाद घोषणा की कि श्रीमती "महसा अमीनी" जिन्हें स्पष्टीकरण और प्रशिक्षण के लिए तेहरान पुलिस के एक केंद्र में लाया गया था, पूछताछ के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद पुलिस और आपातकालीन सेवाओं के सहयोग से महसा अमीनी को तुरंत अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन दुर्भाग्य से उनकी मृत्यु हो गई। इस दुखद घटना के बाद, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने आंतरिक मंत्री, अहमद वहीदी को आदेश दिया कि वे मामले के कारणों और विवरणों की तत्काल और सावधानी से जांच करें और परिणाम की रिपोर्ट जल्द से जल्द पेश करें। ईरानी राष्ट्रपति ने "महसा अमीनी" को अपनी बेटी बताया और इस मुद्दे के सभी पहलुओं की जांच करने का आदेश भी दिया। इस बीच ईरान की न्यायपालिका के प्रमुख ने भी मृतका "महसा अमीनी" के परिवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का नतीजा सामने आने के बाद और अधिक स्पष्टीकरण के लिए आगे गहन जांच का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी विश्वास दिलाया कि जांच के परिणाम सामने आने के बाद ही उचित कार्यवाही की जाएगी है।

महसा अमीनी की मौत के बाद पुलिस द्वारा प्रकाशित किया गया सीसीटीवी फोटेज

तेहरान के मुख्य न्यायधीश अली सालेही ने इसके चिकित्सीय पहलुओं की जांच के लिए एक विशेष टीम के गठन की घोषणा की। इसके अलावा, ईरान की संसद शूराए इस्लामी के अध्यक्ष "मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़" ने "महसा अमिनी" की मृत्यु के कारणों की जांच के लिए देश का आंतरिक मामलों का आयोग और जांच एजेंसी को पारदर्शिता के साथ जल्द जांच के नतीजों की घोषणा के लिए विशेष निर्देश दिए। ऐसी स्थिति में कि जब इस्लामी गणतंत्र ईरान के सभी अधिकारियों ने "महसा अमीनी" की मौत को गंभीरता से लेते हुए उसके सभी आयामों की पूरी पार्दर्शिता के साथ जांच की मांग और निर्देश दिया है, लेकिन एक लंबे समय से चली आ रही प्रथा के अनुसार, विदेशी मीडिया के उकसाने और संगठित तत्वों के आने से कुछ ईरानी शहरों में रैलियां शुरू हो गईं। पवित्र नगर मशहद में एक पुलिस अधिकारी को संदिग्ध लोगों ने आग के हवाले कर दिया, जबकि विरोध कर रहे कुछ अन्य लोगों ने तुरंत आग को बुझाने का प्रयास किया। वहीं ईरान के उत्तर में स्थित रश्त शहर में, कुछ दंगाइयों ने एक मस्जिद में आग लगा दी, जिसका ईरानी लोगों की संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है और यह घटना बताती है कि इन प्रदर्शनों में विदेशी एजेंटों ने प्रवेश करके मौक़ा का फ़ायदा उठाने की कोशिश की है।

मृतिका महसा अमीनी

इसी तरह शरारती तत्वों द्वारा हमदान शहर में एक इमामज़ादे के रौज़े में आग लगाए जाने की घटना घटी है, जिसको लेकर ईरानी जनता में काफ़ी रोष देखा जा रहा है। इसके अलावा भी अन्य क्षेत्रों में, कई पुलिसकर्मियों के साथ दंगाइयों ने मारपीट की है। इसी तरह इन उपद्रवियों का साहस इतना बढ़ गया कि उन्होंने ईरान के राष्ट्रीय ध्वज को भी नहीं छोड़ा और उसको भी आग के हवाले कर दिया। वहीं एम्बुलेंसों पर हमला करना और उन्हें नष्ट करना और हिजाब पहने महिलाओं पर हमला करने की घटनाओं ने प्रदर्शनों के वास्तविक चेहरे को सामने ला दिया है, जिससे पता चलता है कि यह प्रदर्शन महसा अमीनी के प्रति शोक व्यक्त करने के लिए नहीं हो रहे हैं बल्कि विदेश मीडिया के भड़काने और ईरान दुश्मन ताक़तों के इशारे पर हो रहे हैं। (RZ)

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