Sep १५, २०२३ १६:२१ Asia/Kolkata
  • येरेवन को बाकू का नया शांति प्रस्ताव

आर्मेनिया के विदेश मंत्री अरारत मिर्ज़ोयान ने कहा है कि येरेवन सरकार के शांति प्रस्ताव पर बाकू सरकार की प्रतिक्रिया और उसकी ओर से नया प्रस्ताव प्राप्त हुआ है।

संसद सत्र के दौरान आर्मेनिया के विदेश मंत्री मिर्ज़ोयान ने अपने संबोधन में बताया कि येरेवन सरकार जल्द से जल्द कराबाख़ शांति समझौते को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहाः हालिया संपर्कों के बाद, आर्मेनिया ने संबंधों के सामान्यकरण के पांचवें संस्करण को बाकू को सौंप दिया है और उसे आज़रबाइजान की ओर से नए प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

उन्होंने उल्लेख किया कि इससे संबंधित समस्त विवादित मुद्दों के समाधान के लिए वार्ता जारी है, लेकिन अभी कई महत्वपूर्ण मुद्दे ऐसे हैं, जिन पर दोनों पक्षों के दृष्टिकोणों में काफ़ी अंतर है।

यहां यह सच्चाई ध्यान में रखनी होगी कि कराबाख़ को लेकर आज़रबाइजान और आर्मेनिया पिछले दिनों एक बार फिर एक नए युद्ध की कगार पर पहुंच गए थे। लेकिन ईरान ने आगे बढ़कर इस मुद्दे पर दोनों देशों के साथ सहयोग किया और कराबाख़ पर तीसरे युद्ध की आशंका को शांति में बदल दिया।

इसमें कोई शक नहीं है कि ईरान, दक्षिण काकेशस में स्थिरता स्थापित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन कुछ देश लगातार युद्ध के लिए भूमि प्रशस्त कर रहे हैं और इस तरह से वे क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं। कई देश ऐसे हैं, जो आर्मेनिया और आज़रबाइजान को उकसाकर, नया युद्ध भड़काना चाहते हैं। अमरीका, फ़्रांस और एक क्षेत्रीय देश, काकेशस क्षेत्र में युद्ध भड़काने के लिए प्रयास कर रहे हैं। पश्चिमी सरकारें आर्मेनिया को भड़का रहे हैं, ताकि दक्षिण काकेशस क्षेत्र में अशांति उत्पन्न की जा सके। एक क्षेत्रीय देश भी बाकू के अधिकारियों को युद्ध के लिए उकसा रहा है, ताकि दक्षिण आर्मेनिया से एक कॉरिडोर हासिल करने के लिए उसे मजबूर कर सके। पश्चिमी सरकारें, विशेष रूप से अमरीका और फ़्रांस आज़रबाइजान के साथ युद्ध के लिए आर्मेनिया को उकसाने के लिए अपना पूरा दमख़म लगा रहे हैं।

अमरीकी और फ़्रांसीसी अधिकारियों का मानना है कि यूक्रेन युद्ध के जारी रहने की स्थिति में अगर काकेशस में एक नई लड़ाई छिड़ती है तो आज़रबाइजान को इस क्षेत्र में हासिल कई विशेषताओं से हाथ धोना पड़ सकता है।

आर्मेनिया और अमरीका के संयुक्त युद्ध अभ्यास के संदर्भ में ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने अपने आर्मेनियाई समकक्ष के साथ टेलीफ़ोन पर बात करते हुए कहाः क्षेत्र से बाहर की सेनाओं के इस क्षेत्र में प्रवेश से स्थिति अधिक जटिल होगी।   

हालिया दिनों में कराबाख़ को लेकर आज़रबाइजान और आर्मेनिया के बीच तीसरा युद्ध छिड़ सकता था, लेकिन तेहरान ने बाकू और येरेवन के बीच मतभेदों को समाप्त करने के लिए राजनयिक प्रयास किए। हालांकि तेहरान के प्रयासों के बावजूद, कराबाख़ को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव है और प्रत्येक पक्ष दूसरे पक्ष पर सीज़फ़ायर के उल्लंघन का आरोप लगा रहा है।

 

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