Jun ३०, २०१८ १६:०३ Asia/Kolkata
  • अमेरिका और पश्चिमी देशों की नीतियों के कारण दर-दर भटकते अप्रवासी

यूरोपीय देशों ने आप्रवासियों के संबंध में एक नए समझौते पर सहमति व्यक्त की है जिसके अंतर्गत अब शरणार्थियों के लिए इन देशों में बने शिविरों को बंद किया जाएगा।

इंटरनेशनल न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में हुए यूरोपीय संघ के देशों के प्रमुखों के सम्मेलन में आप्रवासियों के मुद्दे पर चर्चा हुई। यूरोपीय संघ के नेताओं के बीच चली लंबी बातचीत के बाद एक ऐसा समझौता निकलकर सामने आया है कि जिससे इन देशों में शरण लिए हुए आप्रवासियों की नींद हराम हो गई है। यूरोपीय देशों के ताज़ा फ़ैसले के अनुसार अब इन देशों में स्थापित जितने भी शरणार्थी शिविर हैं सब बंद किए जाएंगे।

पश्चिमी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक़ यूरोपीय देशों ने यह फ़ैसला इसलिए लिया है क्योंकि इन देशों की सीमाओं पर लगातार आप्रवासियों की संख्या में वृद्धि हो रही थी। यूरोपीय संघ की बैठक में इस बात पर भी विचार विमर्श हुआ कि कैसे इन देशों में रह रहे शरणार्थियों को वापस भेजा जाए। बैठक में हुए समझौते के अनुसार शरणार्थियों के लिए बने स्थाई शिविरों को बंद करके उनकी जगह पर अस्थाई कैंम्प स्थापित किए जाएंगे और वहां आप्रवासियों के दस्तावेज़ों की जांच पड़ताल करने के बाद उन्हें उनके देशों की ओर रवाना किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि यूरोपीय देशों के बीच हुए इस समझौते से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने आप्रवासियों के संबंध में एक क्रूर्तापूर्ण फ़ैसला किया था जिसके अनुसार अमेरिका में रहने वाले आप्रवासी माता-पिता को उनके बच्चों से अलग किया जा रहा था, लेकिन ट्रम्प के इस विवादास्पद निर्णय के ख़िलाफ़ उनकी पत्नी सहित अमेरिका और पूरी दुनिया में ज़बरदस्त विरोध हुआ जिसके दबाव के कारण ट्रम्प ने अपना फ़ैसला बदलते हुए बच्चों सहित मां बाप को अमेरिका से बाहर निकालने का फ़ैसला लिया।

शरणार्थियों के मामलों के जानकारों का कहना है कि आज पूरी दुनिया में जो आप्रवासी दर-दर भटक रहे हैं उसका मुख्य कारण अमेरिका और पश्चिमी देशों की युद्धोन्माद नीतियां हैं।  (RZ)

 

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