Dec १९, २०२२ १५:०८ Asia/Kolkata
  • ब्रिटेन की सड़कों पर उतरी सेना, ऋषि सुनक के लिए बजी ख़तरे की घंटी, क्या लंदन में नए साल पर नए प्रधानमंत्री की होगी एंट्री?

ब्रिटेन में लगातार हड़ताल पर जाने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है। अगर हड़तालों का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो नए साल तक पूरा ब्रिटेन ठप पड़ जाएगा।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने रविवार को क्रिसमस की छुटि्टयों में हड़ताल वाली ट्रेड यूनियनों की अलोचना की। वहीं उनकी आलोचना का उलटा असर हुआ है। ट्रेड यूनियनों का कहना है कि प्रधानमंत्री को हमारी मांगों पर विचार करना चाहिए न कि हमारी आलोचना। बता दें कि ब्रिटेन में हड़ताल करने वाली यूनियनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बीच ब्रिटिश सरकार ने हड़ताली कर्मियों की भरपाई के लिए 1200 सेना के जवानों को तैनात करने की योजना का ऐलान किया है ताकि ज़रूरी सेवाएं जारी रहें। प्रस्तावित हड़ताल में भाग लेने वालों में रेलवे कर्मी, स्वस्थ्यकर्मी, सीमा सुरक्षा स्टाफ़ और डाक विभाग शामिल है। यूनियनें वेतन बढ़ाने और काम की दशाएं अच्छी करने की मांग कर रही हैं। ‘द सन ऑन संडे’ में रविवार को सुनक ने एक लेख में उन्होंने यूनियनों पर ‘वर्ग संघर्ष’ शुरू करने का आरोप लगाया। सुनक ने लिखा, ‘‘ यूनियन क्रिसमस को लक्ष्य करके ख़ासकर ग़लत समय पर ट्रांसपोर्ट हड़ताल से लाखों लोगों को पीड़ित कर रही हैं। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के आर्थिक हालात ऐसे नहीं हैं कि हम कर्मचारियों का वेतन बढ़ा सकें।

इस बीच ऋषि सुनक द्वारा हड़ताली कर्मचारियों की आलोचना के बाद प्रदर्शन कर रही यूनियनों का ग़ुस्सा अधिक भड़क गया है। प्रदर्शनकारी सुनक से पूछ रहे हैं कि यूक्रेन को हथियार देने के लिए पैसे कहां से आ रहे हैं? हथियारों के उत्पादन के लिए पैसे किस स्रोत से कंपनियों को दिए जा रहे हैं? प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार के पास मानव के विनाश के लिए योजनाएं भी हैं और पैसे भी, जैसे कि परमाणु पनडुब्बियों का आधुनिकीकरण और अधिक घातक परमाणु बम, लेकिन मानवता को बचाने के लिए, अपने कर्मचारियों को भूखे मरने से बचाने के लिए उसके पास पैसों की कमी है। वहीं कई यूनियन के प्रमुखों ने आगाह किया है कि सेना एंबुलेंस चलाने या देश की सीमा की रक्षा करने के लिए पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित नहीं है अैर उन्हें इस ‘मुश्किल’ स्थिति में नहीं डालना चाहिए। इस बीच नर्सों ने भी धमकी दी है कि यदि सरकार ने अगले हफ़्ते के बहिष्कार के बाद 48 घंटों में समाधान नहीं ढूंढ़ा तो नए साल में और व्यापक पैमाने पर हड़ताल की जाएगी। एंबुलेंस चालकों की हड़ताल बुधवार को प्रस्तावित है जिसमें नर्स, रेलवे स्टाफ, पासपोर्ट अधिकारी और डाककर्मी शामिल हो रहे हैं। (RZ)

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