Jun २७, २०१८ ०८:४९ Asia/Kolkata
  • अमरीकाः सुप्रीम कोर्ट ने यात्रा पर रोक संबंधी राष्ट्रपति आदेश का किया समर्थन

अमरीका में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की उस नीति के पक्ष में फ़ैसला दिया है जिसके तहत कई मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमरीका में प्रवेश पर प्रतिबंध लग जाएगा।

निचली अदालतों ने इस रोक को असंवैधानिक ठहराया था लेकिन अमरीका की सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फ़ैसले को चार के मुक़ाबले में पांच जजों की राय से बदल दिया।

अमरीका में मुसलमानों के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले पर खेद जताया है और इसे धार्मिक द्वेष बताते हुए परेशान करने वाला क़दम ठहराया है।

वाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रम्प की बार्डर वाल की योजना पर जारी बैठक के दौरान ट्रम्प ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को बहुत बड़ी सफलता का नाम दिया।

इस मुक़द्दमे में सुप्रीम कोर्ट दो चीज़ों को साफ़ करना चाह रहा था एक यह कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने मुस्लिम देशों के नागरिकों को अमरीका में प्रवेश करने से रोकने के लिए राष्ट्रपति आदेश जारी करके अपनी अधिकार सीमा को पार तो नहीं किया और दूसरे यह कि यह नीति अमरीका के संविधान में दी जाने वाली धार्मिक आज़ादी के ख़िलाफ़ तो नहीं है?

अमरीकी सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले ने ट्रम्प को अनुमति दे दी है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंताओं को सामने रखते हुए इस नीति को लागू करें। ट्रम्प प्रशासन का मानना है कि यह  नीति केवल उन लोगों के लिए है जो अपनी पिछली ज़िंदगी के बारे में पूछगछ में अमरीका आने का उचित तर्क नहीं दे पाएंगे।

यह फ़ैसला एसे समय आया है कि जब बग़ैर काग़ज़ात के अमरीका में प्रवेश करने वाले दो हज़ार से अधिक बच्चों को मां बाप से अलग किया जा चुका है। इस पर राष्ट्रपति ट्रम्प को भारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था जिसके बाद यह फ़ैसला वापस लेना पड़ा मगर परिवारों से अलग इन बच्चों को अब तक अकेला रखा गया है।

काउंसिल आन अमरीकन इसलामिक रिलेशन्ज़ सहित मुस्लिम संगठनों ने फ़ैसले पर खेद जताया है और कहा कि मुस्लिम ट्रैवल बैन के ख़िलाफ़ अदालती लड़ाई जारी रहेगी।

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