Pars Today
हमने तकफ़ीरी गुटों के वैचारिक सिद्धांतों का उल्लेख किया था और यह सिद्ध किया था कि इनमें से सबसे प्रमुख गुट दाइश का वहाबियत विचारधारा से क्या संबंध है।
हमने संक्षेप में इस्लाम के उदय काल के बाद से तकफ़ीरी प्रक्रिया के इतिहास पर प्रकाश डाला था।
ईश्वरीय धर्म इस्लाम की विशुद्ध शिक्षाओं पर आस्था रखने वाले समस्त धर्मगुरूओं और संचार माध्यमों का दायित्व है कि वे आम जनमत के लिए तकफीरी गुटों की अमानवीय आस्था और उसकी वास्तविक पहचान को स्पष्ट करें।
इस समय इस्लामी जगत को जिन बड़े ख़तरों का सामना है उनमें तकफ़ीरी गुट और तकफ़ीरी लहर है।
हमने सीरिया में सक्रिय तकफ़ीरी व आतंकी गुटों के बारे में बात की थी जिनमें सबसे प्रमुख दाइश और नुस्रा फ़्रंट हैं।
जर्मन सेना ने अपने सैनिकों के बीच 20 तकफ़ीरी मिलिटेंट्स का पता लगाया है। ये तकफ़ीरी तत्व हथियार और ट्रैनिंग हासिल करने के लिए सेना में भर्ती हुए, ताकि हथियार और ट्रैनिंग को आतंकवादी हमलों में इस्तेमाल करें।
2011 में सऊदी अरब, क़तर, तुर्की, यूएई और कुछ अन्य देशों के समर्थन से रियाज़ुल असअद के नेतृत्व में सीरियाई सेना से अलग होकर सशस्त्र गुट जैशुल हुर या फ़्री सीरियन आर्मी का गठन हुआ।
मिस्र के मुफ़्ती ने दुनिया में तकफ़ीरी और पथभ्रष्ट विचारों से मुक़ाबले की आश्यकता पर बल दिया है।
सऊदी अरब ने पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, इराक़ और सीरिया में तकफ़ीरी आतंकी संगठन बनाने में प्रत्यक्ष रूप से भूमिका निभाई।
लेबनान के प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के महासचिव ने यह कहते हुए कि इस आंदोलन ने मध्यपूर्व में जारी टकराव के प्रभाव से लेबनान की रक्षा की है, बल दिया कि इस स्थिरता की रक्षा होनी चाहिए।