Pars Today
सूरए साफ़्फ़ात की आयतें 50-61
सूरए साफ़्फ़ात आयतें 39-49
सूरए साफ़्फ़ात आयतें 31-38
अज्ञानता के काल में जब लोग अपने दैनिक कामों से फ़ुरसत पाते थे तो वे किसी एक स्थान पर इकटठा होकर मनोरंजन किया करते थे। एसे मे हर एक का यह प्रयास रहता था कि वह इस महफिल को जहां तक हो सके आकर्षक बनाए रखे।
इंसान को महान ईश्वर ने सर्वश्रेष्ठ प्राणी बनाया है और महान ईश्वर ने जो क्षमताएं व योग्यतायें इंसान को दी हैं वह उनका सही लाभ उठाकर ज़मीन पर उसका प्रतिनिधि भी बन सकता है।
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-819
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-818
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-817
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-816
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